मनरेगा के काम बढ़ाएंगे सर्किल रेट

जागरण संवाददाता, बरेली : विकास और सुविधाओं के लिए आपको लंबा इंतजार करना पड़ा। अब विकास होते ही सरकार

By JagranEdited By: Publish:Wed, 23 May 2018 12:05 AM (IST) Updated:Wed, 23 May 2018 12:05 AM (IST)
मनरेगा के काम बढ़ाएंगे सर्किल रेट
मनरेगा के काम बढ़ाएंगे सर्किल रेट

जागरण संवाददाता, बरेली : विकास और सुविधाओं के लिए आपको लंबा इंतजार करना पड़ा। अब विकास होते ही सरकार इसकी कीमत भी आपकी जेब से वसूलने की तैयारी में है। शहरी आबादी क्षेत्र, कॉलोनी, प्लाटिंग ही नहीं, गांवों में मनरेगा के तहत पक्की और चौड़ी हुई डगर भी जमीन की कीमत में बढ़ोत्तरी करेंगे। सर्किल रेट रिवीजन में इस बार मनरेगा के तहत हुए कामों का भी सर्वे कराया जाएगा। प्रशासन की हरी झंडी मिलते ही स्टांप एवं पंजीयन विभाग ने बैनामों के आधार पर आंतरिक सर्वे कार्य शुरू कर दिया।

सर्किल रेट की दर निर्धारण के लिए सोमवार को एडीएम वित्त एवं राजस्व ने सभी उपनिबंधकों के साथ बैठक की थी। स्टांप विभाग के मुताबिक कृषि की जमीन से लेकर पक्के मकानों तक की दर का नए सिरे से मूल्य निर्धारण किया जाना है। इसमें खेत, बाग, आबादी क्षेत्र, खाली प्लाटिंग से लेकर पक्के मकान, दुकान और गोदाम तक के लिए मापन इकाई के आधार पर कीमत तय होगी।

मनरेगा में पूरे साल में खर्च हुए 49 करोड़

मनरेगा के तहत ग्राम पंचायतवार काम कराए जाते हैं। जिले में 2017-18 में इसके तहत कुल 49 करोड़ रुपये खर्च हुए। इनमें से लगभग 30 करोड़ रुपये तालाब खुदाई, रास्तों का समतलीकरण आदि मिट्टी संबंधी कच्चे कार्यो में और करीब 19 करोड़ रुपये पक्का खड़ंजा, रोड, पुलिया, तालाब के किनारे बनाने आदि कामों में खर्च हुआ। चालू वित्त वर्ष में 59 करोड़ का बजट है। तहसीलों से मांगे रोड किनारे के गाटा

सदर क्षेत्र में दो उपनिबंधक हैं। एक-एक सब रजिस्ट्रार कार्यालय सभी तहसीलों में हैं। हर तहसील की जमीन, आवासीय, व्यावसायिक, औद्योगिक क्षेत्र की स्थिति अलग है। उपनिबंधकों ने राष्ट्रीय राजमार्ग, प्रदेश सरकार के राजमार्ग और हाईवे से लिंक मार्गो के दोनों तरफ पड़ने वाली भूमि के गाटा संख्या मांगे हैं। गाटा के मौजूदा सर्किल रेट और बाजार में चल रही दर का तुलनात्मक अध्ययन के साथ नई दरें तय होंगी। तीन श्रेणियों में बांटे मार्ग

स्टांप एवं पंजीयन विभाग ने हर क्षेत्र में सुविधा और विकास के आधार पर रोड का भी वर्गीकरण किया है। नगरीय क्षेत्र में रोड की चौड़ाई के आधार पर किनारे के गाटा की दर तय की जाएगी।

-छह मीटर चौड़ाई वाला मार्ग

-छह से नौ मीट चौड़ाई वाली रोड

-नौ मीटर से अधिक चौड़ी रोड

इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र में भीतरी संपर्क मार्ग या मनरेगा के तहत पक्का खड़ंजा से बनने वाले रातों की अलग-अलग श्रेणी होगी।

-20 फीट चौड़ा मार्ग

-30 फीट चौड़ा मार्ग

-40 फीट चौड़ा मार्ग

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