जाली सर्टिफिकेट से भर्ती हो गए 36 शिक्षक

माध्यमिक शिक्षा विभाग में फर्जी शैक्षिक अभिलेखों के सहारे शिक्षकों ने नियुक्ति पा ली।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 22 May 2018 07:48 AM (IST) Updated:Tue, 22 May 2018 07:48 AM (IST)
जाली सर्टिफिकेट से भर्ती हो गए 36 शिक्षक
जाली सर्टिफिकेट से भर्ती हो गए 36 शिक्षक

जागरण संवाददाता, बरेली : माध्यमिक शिक्षा विभाग में फर्जी शैक्षिक अभिलेखों के सहारे शिक्षकों ने नियुक्ति पा ली। मंडल के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में तैनाती भी हो गई लेकिन, सत्यापन में ये शिक्षक पकड़ लिए गए। ऐसे अब तक 36 शिक्षक पकड़ में आ चुके हैं। अभी कुछ और शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेख फर्जी पाए जाने की आशंका जताई जा रही है।

फर्जी शैक्षिक अभिलेखों का खुलासा होने के बाद शिक्षा महकमे के अफसरों ने फर्जीवाड़ा करने वाले शिक्षकों पर न सिर्फ रिपोर्ट दर्ज कराई बल्कि उनकी नियुक्ति निरस्त कर दी है। इनकी नियुक्ति 2015 में संयुक्त शिक्षा निदेशक की देखरेख में मेरिट के आधार पर राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के लिए एलटी ग्रेड में की गई थी। महिला एलटी और पुरुष एलटी ग्रेड के दो सौ से ज्यादा शिक्षक बरेली मंडल में नियुक्त हुए। इन्हें मंडल के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में तैनाती मिली। बाद में इनके शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन कराया गया। इनमें से अब तक 36 शिक्षकों के अभिलेख फर्जी पाए गए हैं। खासतौर पर आगरा के डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर विश्वविद्यालय से सत्यापित होकर आए शैक्षिक अभिलेख फर्जी मिले हैं। इनमें बीएड और स्नातक की अंकतालिकाएं विश्वविद्यालय ने अपने रिकॉर्ड से न मिलने की जानकारी संयुक्त शिक्षा निदेशक को दी तो कई मामलों में दोबारा सत्यापन कराया गया। इसके बावजूद भी अभिलेख सही साबित नहीं हो पाए। ऐसे में, संयुक्त शिक्षा निदेशक ने इनकी नियुक्ति निरस्त करने के साथ ही फर्जी शैक्षिक अभिलेख प्रस्तुत कर धोखाधड़ी करने पर इनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। इंसेट..

20 शिक्षकों का सत्यापन रुका

संयुक्त शिक्षा निदेशक की ओर से अभी 20 और शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन आगरा विश्वविद्यालय और वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के लिए भेज रखा है, जो अभी अटका है। ये शिक्षक राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत हैं। ऐसे में संयुक्त शिक्षा निदेशक ने इनके सत्यापन करने को दोनों विश्वविद्यालयों के लिए रिमाइंडर भेजा है।

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कोट..

इन शिक्षकों की नियुक्ति इस शर्त पर की गई कि सत्यापन में उनके शैक्षिक अभिलेख सही पाए जाने पर ही वेतन आहरण किया जाएगा। जिन शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेख फर्जी पाए गए, उनका नियुक्ति निरस्त की गई है। पुलिस में रिपोर्ट दर्ज है, पुलिस ही इनसे पूछताछ कर पता लगाएगी कि उन्होंने फर्जी शैक्षिक अभिलेख कहां से और कैसे बनवाए। अभी और शिक्षकों का सत्यापन होना बाकी है।

-डॉ. अंजना गोयल, संयुक्त शिक्षा निदेशक

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