Lockdown Update : बरेली के खेतों में मशीनों को मात दे रहे 25 हजार श्रमिकों के हाथ Bareilly News
किसानों को भी इस बार आसानी से श्रमिक मिले तो उन्होंने कटाई मढ़ाई के लिए हार्वेस्टर जैसी मशीन का मोह त्याग दिया।
बरेली, जेएनएन। बदलते जमाने के साथ लोगों के काम करने का तरीका भी बदल गया था। गांव के लोग जीविका कमाने के लिए शहरों की तरफ पलायन कर गए तो खेतों में लोगों की जगह मशीनों ने ले ली। हालांकि लॉकडाउन की वजह से अब फिर से पुराने दिन लौट रहे हैं। लोग खेतों में नजर आ रहे हैं तो शहरों से लौटे श्रमिकों के हाथ मशीनों को मात दे रहे हैं।
लॉकडाउन की वजह से जिले में करीब 25 हजार श्रमिकों ने घर वापसी की है। हालांकि लॉकडाउन के चलते इनके सामने रोजी-रोटी का सबसे बड़ा सवाल था। ऐसे में इन्होंने खेतों की ओर रुख किया। किसानों को भी इस बार आसानी से श्रमिक मिले तो उन्होंने कटाई मढ़ाई के लिए हार्वेस्टर जैसी मशीन का मोह त्याग दिया। वही श्रमिकों के हाथों को भी काम मिल गया और वह परिवार सहित खेतों में नजर आए।
परिणाम यह रहा कि तेजी से कटाई और मढ़ाई हुई। किसानों को यह फायदा हुआ कि श्रमिक मिलने से उन्हें इस बार मशीन के लिए नहीं भटकना पड़ा। साथ ही अनाज से लेकर भूसा तक सुरक्षित घर में पहुंच गया। वहीं जिनको पैसे की जरुरत है। वह अनाज को लेकर खरीद केंद्र पर आ रहे हैं। अब तक 18 हजार मीटिक टन से ज्यादा की खरीद हो चुकी है। वहीं जल्दी कटाई मढ़ाई होने से किसान अब दूसरी फसल की तैयारी करने में लगे हैं। 15 मई से धान के साथ बाजरा, मक्का की बुआई भी शुरु हो जाएगी। जिसके लिए किसान खाद बीज की व्यवस्था करने में लग गए है।
जिले में गेहूं, धान और सरसों खेती का आंकड़ा
जिले में करीब एक लाख 68 हजार हेक्टेयर जमीन में धान की खेती होती। जबकि गेहूं की खेती 1 लाख 98 हजार हेक्टेयर जमीन में की जाती है। इसके साथ जिले में 18843 हेक्टेयर में सरसों की खेती और 5845 हेक्टेयर एरिया में मसूर की खेती होती है।
मजदूर न मिलने से कई साल से गेहूं की फसल कटवाने के लिए मशीन लानी पड़ती थी। इसके लिए कई बार कई दिन तक इंतजार भी करना पड़ता था लेकिन इस बार पर्याप्त श्रमिक मिलने से मशीन का सहारा नहीं लेना पड़ा।- प्रमोद कुमार, गोरा लोकनाथपुर
इस बार उन्होंने अपनी गेहूं की फसल खुद काटी और गन्ना की बुवाई भी खुद की। अब खेती के कामों के लिए हमें मशीनों की जरूरत नहीं पड़ रही है। सब खुद कर रहे हैं।-विशाल गौड़, नगरिया कल्याणपुर
वहीं अंबरपुर के रहने वाले किसान शिव सहाय शर्मा कहते हैं कि इस बार श्रमिक मिल गए तो जल्दी गेहूं कट गया। श्रमिक नहीं मिलते तो गेहूं खेत में ही भीग जाता। मढ़ाई जल्दी हो गई। अब गन्ना की बुआई में लगे हैं।-शिव सहाय शर्मा, निवासी, अंबरपुर