श्रमदान से संवरेगा डिग्गीधाम, पांच को होगी शुरुआत

महाभारत कालीन सरोवर के सुंदरीकरण को लेकर ग्रामीणाों ने बैठककर बनाई रूपरेखा

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 Aug 2020 12:16 AM (IST) Updated:Mon, 03 Aug 2020 12:16 AM (IST)
श्रमदान से संवरेगा डिग्गीधाम, पांच को होगी शुरुआत
श्रमदान से संवरेगा डिग्गीधाम, पांच को होगी शुरुआत

दरियाबाद : दरियाबाद ब्लॉक क्षेत्र के अलियाबाद गांव में स्थित महाभारत कालीन पांडव सरोवर डिग्गीधाम को श्रमदान से संवारा जाएगा। 84 कोसी परिक्रमा मार्ग के निकट स्थित इस सरोवर के संवारने का काम अयोध्या में श्रीराम मंदिर के भूमिपूजन के दिन से ही शुरू होगा। जिस दिन अयोध्या में पीएम नरेंद्र मोदी श्रीराम मंदिर की नींव रखेंगे, उसी दिन यहां कई गांवों के लोग श्रमदान से सरोवर की साफ सफाई के साथ ही दीपोत्सव और पौधरोपण करेंगे। सुंदरीकरण को लेकर शनिवार को हुई बैठक में यह सहमति बनी है।

डिग्गीधाम सरोवर के सुंदरीकरण की मांग अर्से से की जाती रही है। 84 कोसी मार्ग के निकट स्थित होने के कारण यहां पर परिक्रमा में आने वाले साधु-संत स्नान और पूजन भी करते हैं और कार्तिक पूर्णिमा के दिन मेला लगता है। यहां का जल भी पवित्र माना जाता रहा है। हिदू युवा वाहिनी के तहसील प्रभारी विनय सिंह राजपूत व महेश गुप्ता के नेतृत्व में क्षेत्र के अलियाबाद, बेलहरी, बबुआपुर, गुलचप्पा, चमरौली, पूरे कामगार, बरहुआ, बड़नपुर, महदीपुर, रसूलपुर, सुलतानीपुरवा, बहरौली, छेदियापुर, इमिलिहा, बालपुरवा, सम्सदीपुर, पालपुर, केंहौरा, भीखमपुर, सखामदपुर, पटरंगा गांव, पटरंगा स्टेशन से लोगों की बैठक बुलाई गई। इसमें कैलाश चन्द्र मिश्र, कुलदीप गुप्ता, योगेंद्र वर्मा, विनोद गुप्ता, सतीश वर्मा, पवन चौहान, हेमंत शुक्ला, रामकुमार, उपेंद्र वर्मा, मथुरा प्रसाद रावत, राधेश्याम आदि की मौजूदगी में श्रमदान से सुंदरीकरण की शुरुआत की रूपरेखा तैयार की गई। निर्णय लिया कि श्रमदान से शुरुआत श्रीराम मंदिर भूमि पूजन के दिन से करेंगे।

यह तय हुई रूपरेखा : यहां पर श्रमदान सुबह आठ बजे से शुरू होगा। रास्ते व मंदिर के पास टीले पर लगी घास, झाड़ी की साफ सफाई होगी। दोपहर में सरोवर की साफ सफाई के लिए लोग जुटेंगे। इसके बाद तीन से पांच बजे के बीच सुंदरकांड का पाठ होगा। पांच से छह बजे के बीच पीपल, नीम, बरगद आदि के पौधे डिग्गी धाम के हर कोने से लेकर सरोवर के रास्ते व मंदिर के आसपास रोपे जाएंगे। इसके बाद सरोवर से लेकर टीले और मंदिर परिसर में आठ बजे के मध्य 2100 दीपक जलाए जाएंगे और पांचों टीलों पर पताकाएं फहराई जाएंगी।

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