कंगाली के दौर से गुजर रहा जल संस्थान

जागरण संवाददाता, बांदा : दशहरा गुजर गया और अब दीपावली भी करीब है। मगर, जलसंस्थान की आर्थिक तंग

By JagranEdited By: Publish:Fri, 02 Nov 2018 10:07 PM (IST) Updated:Fri, 02 Nov 2018 10:07 PM (IST)
कंगाली के दौर से गुजर रहा जल संस्थान
कंगाली के दौर से गुजर रहा जल संस्थान

जागरण संवाददाता, बांदा : दशहरा गुजर गया और अब दीपावली भी करीब है। मगर, जलसंस्थान की आर्थिक तंगहाली दूर नहीं हुई। चित्रकूटधाम मंडल में तैनाती करीब डेढ़ हजार कर्मचारियों को छह माह से वेतन नहीं मिला। हालात यह हैं कि अवर अभियंता व कर्मचारी इस्तीफा देने लगे हैं। बजट की कमी से जूझ रहा विभाग में नलकूपों की मरम्मत तक नहीं करा पा रहा है। अफसरों के तीन माह से सीयूजी बंद हैं। डीजल उधारी में न मिलने से वह फील्ड में नहीं जा पा रहे हैं।

चित्रकूटधाम मंडल के चारों जिलों की करीब 60 लाख आबादी की प्यास बुझाने का जिम्मा उठाए जल संस्थान विभाग खुद कठिन दौर से गुजर रहा है। चारों जिलों में करीब 1500 अधिकारी व कर्मचारी तैनात हैं। दशहरा और दीपावली पर्व में जहां सभी खुशियां मना रहे हैं, वहीं विभाग के कर्मचारियों के चेहरों से खुशियां गायब हैं। इन्हें छह माह से वेतन के नाम पर फूटी कौड़ी भी नहीं मिली। ऐसा 14वें वित्त से बजट नहीं मिलने से हुआ। अधिशासी अभियंता से लेकर जेई व अन्य कर्मचारी पूरी तरह मायूस हैं। कई कर्मचारियों व अफसरों के बच्चे दिल्ली, वाराणसी, इलाहाबाद व कानपुर जैसे शहरों से पढ़ाई छोड़कर घर बैठ गए हैं।

पेयजल व्यवस्था भगवान भरोसे

नलकूपों की मोटर फुंक जाए या कोई उपकरण खराब हो जाए तो उसे दुरुस्त कराने के लिए बजट नहीं हैं। अधिकारियों की मानें तो मंडल के 28 में 9 राजकीय नलकूप मोटर व उपकरण के बिना ठप हैं। पेयजल संबंधी शिकायत लेकर लोग दफ्तर तक चक्कर लगा रहे हैं। इसके अलावा अधिकारियों को फील्ड में जाने के लिए वाहन तो हैं, पर डीजल का पैसा नहीं हैं। पेट्रोल पंप में उधारी मनमानी होने के कारण डीजल भी नहीं मिल पा रहा है।

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हैंडपंपों की मरम्मत भी बाधित

शहरी क्षेत्र में जल संस्थान के पास 160 हैंडपंपों के मरम्मत की सूची है। विभाग के पास उपकरण व बजट न होने के कारण उनकी मरम्मत नहीं हो पा रही है। ऐसे में जनता व अधिकारी दोनों परेशान हैं।

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दीपावली तक वेतन आदि की व्यवस्था नहीं होती तो अधिकारी व कर्मचारी लंबी छुट्टी पर जा सकते हैं। इतने बुरे दिनों का दौर अपनी नौकरी में कभी नहीं देखा। इसी हालात के चलते महोबा में एक जेई जगदीश ¨सह ने इस्तीफा दे दिया है।

- वीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव, अधिशासी अभियंता, जल संस्थान

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