तो लुटेरों को नही था पकड़े जाने का भय -

बांदा, जागरण संवाददाता : बताते चलें कि कालूकुआं स्थित एक फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी शैलेंद्र सिंह और

By Edited By: Publish:Sat, 28 Mar 2015 01:23 AM (IST) Updated:Sat, 28 Mar 2015 01:23 AM (IST)
तो लुटेरों को नही था पकड़े जाने का भय -

बांदा, जागरण संवाददाता : बताते चलें कि कालूकुआं स्थित एक फाइनेंस कंपनी के कर्मचारी शैलेंद्र सिंह और सुशील बाइक से कंपनी का 11 लाख रुपया लेकर गुरूवार दोपहर कचेहरी स्थित एसबीआई की मुख्य शाखा में जमा करने जा रहे थे। वह जैसे ही पुल से उतर कर डाक खाने के आगे बढ़े पीछे से बाइक में आए तीन लुटेरों ने तमंचे लगाकर ओवर टेक किया था। रुपयों का बैग लिए कर्मी अपने बचाव में कुछ कर पाता लुटेरे रुपयों से भरा बैग छीन कर फरार हो गए थे। इसमें सबसे आश्चर्य की बात यह थी कि भीड़ भाड़ की जगह जिस तरह उन्होंने घटना को अंजाम दिया। इससे साफ जाहिर था कि लुटेरों के न सिर्फ हौंसले बुलंद थे बल्कि उन्हें पकड़े जाने का भी भय नही था। शायद यही वजह है कि घटना को करने के बाद वह भागे भी उसी ओर जहां से चंद कदम की दूरी पर पुलिस अधीक्षक कार्यालय व अधिकारियों के बंगले पड़ते हैं। इतना ही नही कचहरी चौराहे में हर समय पुलिस भी किसी न किसी रूप में मौजूद रहती है। इन सब परिस्थितियों के बाद लुटेरों का भाग निकलना अपने आप में पुलिस की चूक ही दर्शाता है। इतना ही घटना के 34 घंटे बाद भी पुलिस लुटेरों को अभी पकड़ नही सकी है। लुटेरे अभी भी पुलिस की पकड़ से दूर हैं। इससे शहर में दहशत का महौल बना है। यह और बात है कि घटना के बाद से पुलिस ने अब तक कई लोगों को उठाया है। दर्जन भर जगहों पर रात में छापेमारी भी हुई है। इसके बावजूद अभी पुलिस को सफलता न मिलना बताया गया है।

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