रामराज्य के लिए इन दस रावण को मारने का लें संकल्प

सामाजिक बुराइयों के अंत को मिलकर करना होगा प्रयास सभी के साथ से बुलंद होगी आवाज

By JagranEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 09:59 PM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 09:59 PM (IST)
रामराज्य के लिए इन दस रावण को मारने का लें संकल्प
रामराज्य के लिए इन दस रावण को मारने का लें संकल्प

बलरामपुर :

एक बार फिर बुराई के प्रतीक दशानन का अभिमान चूर-चूर करने का समय आ गया है। शुक्रवार को विजयदशमी पर आप और हम समाज में फैली बुराइयों को नष्ट करने का संकल्प लें। जाम, प्रदूषण, महिला उत्पीड़न, अशिक्षा, खराब सड़कें, पार्किंग, पालीथिन, मिलावटखोरी, कूड़ा निस्तारण व बदहाल स्वास्थ्य सेवाएं जैसे दस रावण हमारे सामने चुनौती बने हुए हैं। इन्हें समाप्त करने पर ही रामराज्य की परिकल्पना साकार होगी।

इस बार रावण का पुतला नहीं, बल्कि पालीथिन व प्लास्टिक को जलाकर नष्ट करेंगे। इससे नगर व मुहल्ला साफ रहे। प्लास्टिक से नाला व नाली चोक हो जाते हैं। जलनिकासी का मार्ग बंद हो जाता है। हल्की बारिश में भी जलभराव से लोगों को परेशानी होती है। पालीथिन का प्रयोग बंद करने की सरकार की मुहिम को सफल बनाने के लिए बाजार जाते समय घर से झोला साथ ले जाने का आज ही शपथ लें।

महिला उत्पीड़न के मामले बढ़ रहे हैं। इसकी बानगी प्रत्येक रविवार को थानों में होने वाले परिवारिक मामलों की सुनवाई है। औसतन 100 से अधिक मामलों की सुनवाई एक दिन में होती है। ढाई लाख शौचालय बने हैं, लेकिन ग्रामीण उसका प्रयोग नहीं करते हैं। नीति आयोग के पिछड़े जिलों में शुमार होने के बाद भी अशिक्षा व कुपोषण का कलंक मिटने का नाम नहीं ले रहा है। आइए संकल्प लें कि कुपोषण से जड़ से मिटाने के साथ ही गांव-गांव का शिक्षा का उजियारा फैलाएंगे। खराब सड़कों पर बस व भारी वाहनों में ओवरलोडिग से होने वाली दुर्घटनाएं रोजना किसी मासूम को अनाथ बनाती हैं, तो किसी का सुहाग छीन लेती हैं। सड़क हादसों को कम करने के लिए सभी को मिलकर अभियान चलाने की जरूरत है। शहर में पार्किंग की व्यवस्था न होने से लोगों को जाम में हलकान होना पड़ता है। इसके लिए प्रयास करने की शपथ लें। सरकार करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा रही है, लेकिन गरीबों को अस्पताल में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलने में भ्रष्टाचार का गतिरोध हैं। आइए संकल्प लें कि अस्पतालों में फैले भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाकर आमजन की ताकत बनेंगे।

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