खेती किसानी के लिए छूट, बनाए रखें एक मीटर की दूरी

लॉकडाउन में खेती किसानी के लिए छूट पर बनाए रखे एक मीटर की दूरी

By JagranEdited By: Publish:Sat, 28 Mar 2020 06:36 PM (IST) Updated:Sat, 28 Mar 2020 09:50 PM (IST)
खेती किसानी के लिए छूट, बनाए रखें एक मीटर की दूरी
खेती किसानी के लिए छूट, बनाए रखें एक मीटर की दूरी

जागरण संवाददाता, बलिया : कोरोना वायरस के संक्रमण के मद्देनजर लॉकडाउन के बावजूद गन्ने की बोआई के साथ-साथ मूंगफली, ज्वार, बाजरा, हरा चारा, सब्जी आदि की बोआई और रवि की फसलों की कटाई के संबंध में कुछ छूट दी गई है। इसमें फसल कटाई के लिए हार्वेस्टर, ट्रैक्टर व खेती किसानी से जुड़े कार्य करने वाले मजदूर शामिल हैं। इसके लिए शारीरिक दूरी का पालन कर एक मीटर की दूरी हर हाल में बनानी होगी। यह बात जिलाधिकारी हरि प्रताप शाही ने कही।

डीएम ने बताया कि इसके अंतर्गत खाद, बीज या कृषि रसायनों के लाइसेंस प्राप्त सरकारी एवं निजी बिक्री केंद्र खुले रहेंगे। निर्माण एवं आपूर्ति जारी रहेगा। रेलवे रैक द्वारा उर्वरक आपूर्ति और लोडिग/अनलोडिग करने वाले श्रमिक आ-जा सकेंगे। जिले में उर्वरक बीज एवं कीटनाशक के परिवहन में लगे हुए वाहनों को रोका नहीं जाएगा, बशर्ते वाहन चालक अपने मालवाहक वाहन के आगे 'आवश्यक वस्तु उर्वरक, बीज, कीटनाशक जनपद-बलिया' लिखा हुआ स्टीकर लगाएंगे। वाहनों में लोग इस प्रकार बैठेंगे कि उनके मध्य कम से कम एक मीटर की दूरी बनी रहे।

उर्वरकों की बिक्री पास मशीन से करते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि मशीन के प्रयोग से पहले किसानों के हाथ सैनिटाइज किए जाएं और साबुन से हाथ धुलवाया जाए। हां, विक्रेता अपने प्रतिष्ठान से ही किसानों को खाद, बीज, कीटनाशक बेचेंगे। जहां दुकान है, वहां हर दो घंटे में ब्लीचिग पाउडर घोल या सोडियम हाइपोक्लोराइट या स्प्रिट आदि का छिड़काव होता रहे। किसी भी प्रतिष्ठान पर भीड़ नहीं हो इसलिए चूने से सर्किल बनाकर खड़े होने की जगह चिह्नित कर ली जाए। पशु-पक्षियों का भी रखें ख्याल : डीएम

जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने आम जनता से अपील की है कि इस महामारी के खिलाफ चल रही लड़ाई में प्रशासन का सहयोग करें। लॉकडाउन का पूरी तरह पालन करें। उन्होंने यह भी अपील की है कि इस मुसीबत के बीच गलियों में घूमने वाले गाय, कुत्ते, चिड़िया आदि पशु-पक्षियों का भी ख्याल रखें। इनके सहयोग व देखभाल के लिए लोग आगे आएं। उन्होंने स्वयंसेवी संस्थाओं से भी ऐसे पशु-पक्षियों की देखभाल के लिए आगे आने को कहा है।

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