भगवान शंकर को खुश करने के लिए दशानंद चढ़ाते रहे अपना सिर

जागरण संवाददाता गड़वार(बलिया) रामलीला मंच पर बुधवार की रात कलाकारों ने कुबेर रा

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 05:50 PM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 05:50 PM (IST)
भगवान शंकर को खुश करने के लिए दशानंद चढ़ाते रहे अपना सिर
भगवान शंकर को खुश करने के लिए दशानंद चढ़ाते रहे अपना सिर

जागरण संवाददाता, गड़वार(बलिया) : रामलीला मंच पर बुधवार की रात कलाकारों ने कुबेर, रावण, विभीषण, कुंभकरण जन्म, इनकी तपस्या, रावण का अत्याचार व श्रीराम, भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न के जन्म की लीला का जीवंत मंचन किया। रामलीला का शुभारंभ डॉ. सत्यनारायण गुप्ता ने दीप प्रज्वलित कर किया। इसके बाद दृश्य सामने होता है.रावण वरदान पाने के लिए अपने भाई कुंभकरण के साथ भगवान शिव की कठिन तपस्या करने लगते हैं।

घोर तपस्या के बावजूद भगवान शिव प्रसन्न नहीं हुए तो रावण दस बार अपना सिर काटकर उन्हें चढ़ा देते हैं। इस त्याग व बलिदान से भगवान शिव खुश हुए और रावण को मनचाहा वरदान दे दिए। वरदान पा कर रावण देवी-देवताओं व ऋषि मुनियों पर अत्याचार करना शुरू कर दिया। इस दौरान रावण के द्वारा भगवान शिव को लंका ले जाने के क्रम में बैद्यनाथ धाम में शिवलिग की स्थापना का भी लीला दिखाया गया। देर रात तक दर्शक भी जमे रहे। रामलीला के दौरान रावण की भूमिका में जुलुम सिंह, कुंभकरण की भूमिका में गुनु, विभीषण संजय गुप्ता, सुमाली धनजी शर्मा, श्रृंगी ऋषि श्यामनारायण उपाध्याय, पृथ्वी की भूमिका में पारसनाथ वर्मा, दशरथ डॉ. ब्रजेश सिंह, देवराज इंद्र की राकेश मौर्य और ब्रह्मा की भूमिका में श्रीनिवास तिवारी नजर आए। व्यास पीठ पर मोती पटेल रहे। संचालन मोहन सिंह किए। कार्यक्रम की व्यवस्था व्यवस्थापक समिति के अध्यक्ष अमित कुमार सिंह की ओर से किया गया।

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