लोककला में जनमानस को झंकृत कर देने की क्षमता: कौशल किशोर

-भिखारी ठाकुर में गीत, नाटक, कथा में सब कलाओं का संगम -गोंडवी के शायरी में ¨हदी, उर्दू और जनभाषा का प्रचुर समन्वय जागरण संवाददाता, बलिया : Þसंकल्पÞ सामाजिक, साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था के तत्वाधान में रविवार को महान लोक कलाकार भिखारी ठाकुर की जयंती एवं जनवादी शायर अदम गोंडवी की पुण्यतिथि के पूर्व संध्या पर संकल्प कार्यालय पर लोक में प्रतिरोध विषयक गोष्ठी का आयोजन किया गया। वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक कौशल किशोर ने कहा कि लोक कला में जनमानस को झंकृत कर देने की अछ्वुत क्षमता है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 Dec 2018 09:19 PM (IST) Updated:Mon, 17 Dec 2018 09:19 PM (IST)
लोककला में जनमानस को झंकृत कर देने की  क्षमता: कौशल किशोर
लोककला में जनमानस को झंकृत कर देने की क्षमता: कौशल किशोर

जागरण संवाददाता, बलिया : महान लोक कलाकार भिखारी ठाकुर की जयंती एवं जनवादी शायर अदम गोंडवी की पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर रविवार को संकल्प कार्यालय पर लोक में प्रतिरोध विषयक गोष्ठी का आयोजन किया गया। वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक कौशल किशोर ने कहा कि लोक कला में जनमानस को झंकृत कर देने की अद्भुत क्षमता है। आज के इस दौर में बाजार एवं उपभोगवादी शक्तियों द्वारा भिखारी ठाकुर और अदम गोंडवी जैसे विभूतियों को भुलाने की साजिश की जा रही है ताकि समाज मैं सद्भाव एवं सहानुभूति पैदा ना हो पाए। वरिष्ठ चित्रकार डॉ इफ्तेखार खान ने कहा कि कला हमेशा समाज में विपक्ष के नेता की भूमिका निभाती है तथा शासन और सत्ता को सही रास्ता दिखाने का काम करती है। गोष्ठी को लेखिका एवं पत्रकार विमल किशोर, डा. विजेंद्र ¨सह बैरागी, संजय, डा. राजेंद्र भारती, डा. कादंबिनी ¨सह, अशोक कंचन जमालपूरी, मोहन जी श्रीवास्तव, आनंद मोहन भोजपुरिया, धनंजय राय ने भी संबोधित किया। इस मौके पर संकल्प के कला प्रशिक्षुओं द्वारा भिखारी ठाकुर तथा अदम गोंडवी के गीतों की प्रस्तुत कीद्य भिखारी ठाकुर के चर्चित नाटक विदेशिया का बारहमासा गीत ने जहां सभी श्रोताओं का मन मोहा वहीं अदम गोंडवी के Xह्नह्वश्रह्ल;काजू भुने प्लेट में, विस्की गिलास में, उतरा है रामराज, विधायक निवास में ने सभी श्रोताओं को संबोधित कर गंभीरता से सोचने पर मजबूर कर दिया। इस मौके पर संतोष शर्मा, सोनी कुमारी, आनंद चौहान, अर्जुन कुमार, ¨ट्वकल गुप्ता, गो¨वदा, राहुल, प्रकाश, रोहित, प्राकृति त्रिवेदी, अविनाश, विद्या वाचस्पति आदि मौजूद थे। अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार डा. जनार्दन राय व संचालन संकल्प के सचिव आशीष त्रिवेदी ने किया।

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