उमस व गर्मी ने फिर किया बेहाल

जागरण संवाददाता, बलिया : उधर बीच पांच दिनों तक लगातार हुई झमाझम बारिश के बाद से निकल रही कड़ी धूप ने

By JagranEdited By: Publish:Wed, 19 Jul 2017 06:10 PM (IST) Updated:Wed, 19 Jul 2017 06:10 PM (IST)
उमस व गर्मी ने फिर किया बेहाल
उमस व गर्मी ने फिर किया बेहाल

जागरण संवाददाता, बलिया : उधर बीच पांच दिनों तक लगातार हुई झमाझम बारिश के बाद से निकल रही कड़ी धूप ने लोगों को एक बार फिर तगड़ी गर्मी का एहसास करा दिया है। एक सप्ताह से लगातार निकल रही धूप की वजह से एक बार फिर उमस व गर्मी ने लोगों को बेहाल कर दिया है। सुबह ही निकल जा रही कड़ी धूप से लोगों का घरों से निकलना तक दुभर हो जा रहा है। धूप इतनी तेज निकल रही कि लोगों की आंखे तक चौंधिया जा रही हैं। इसमें हवा के बंद हो जाने से गजब की उमस भी हो रही जिससे लोग बिलबिलाने को मजबूर हो जा रहे हैं। प्रदेश के अन्य जिलों में भले ही लगातार बारिश हो रही पर यहां तो स्थिति धूल उड़ने जैसी ही है। इसमें बारिश के बाद लगातार शुरू हुई बिजली की जबरदस्त कटौती ने तो लोगों को और भी परेशान करके रख दिया है। ग्रामीण इलाकों में हो रही मनमानी कटौती से लोग बिल्कुल ही आजिज हो गए हैं। कुछ इसी तरह की स्थिति शहर की भी है। बड़ी बात है कि इसमें आसमान में लगातार उमड़-घुमड़ रहे बादल लोगों को और भी परेशान करने का काम कर रहे हैं। स्थिति है कि आसमान में रोजाना बादल आ रहे और लोगों को ललचाकर निकल जाते हैं। इस तरह के हालात में किसानों में माथे पर ¨चता की लकीरें फिर से गहरी होने लगी हैं। खेतों में धान की रोपाई कर चुके किसान आसमान में बारिश की राह ही तक रहे हैं। उधर बीच लगातार बारिश हुई तो किसानों ने आनन-फानन धान की रोपाई तो कर दी पर अब बारिश नहीं होने से वही फसल मुरझानी शुरू हो गई है। ऐसे में इसे देख किसानों में ¨चता बढ़ने लगी है।

गर्मी के बीच बिजली कटौती बनी मुसीबत

बिल्थरारोड : लगातार हुई झमाझम बारिश के बाद निकल रही तेज धूप से उमस एक बार फिर चरम पर है। इसमें इधर बीच शुरू हुई बिजली की आंखमिचौली ने लोगों की मुसीबत को और भी बढ़ा दिया है। उमस भरी गर्मी के बीच लोग बिजली विभाग को जमकर कोसने को मजबूर हैं। इधर चिलचिलाती धूप व उमस के कारण मौसमी बीमारियों का प्रकोप भी तेज हो गया है। सीयर सीएचसी समेत विभिन्न निजी अस्पतालों में बुखार, दर्द व टॉन्सिल की दिक्कतों को लेकर काफी मरीज पहुंच रहे हैं। ऐसे में आज बिजली पर निर्भर हो चुकी 80 फीसद ¨जदगी इस तरह की स्थिति में जल बिन मछली की तरह तड़प रही है। बिजली के बिना इलेक्ट्रानिक उपकरण भी बेकार हो गए हैं। आलम है कि बिजली रात में कुछ घंटे तो टिक भी जाती है पर दिन में बमुश्किल एक घंटे भी नहीं रहती। इधर लोकल फाल्ट दूर करने में भी विभाग बेबस व लाचार बना है। रात में अगर कोई छोटी फाल्ट भी हो गया तो विभाग के पास लाइनमैन तक नहीं होते कि आपूर्ति दुरुस्त कराई जाए। यह हाल तब है जब स्वयं सुबे के ऊर्जा मंत्री ही जनपद के प्रभारी हैं।

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