वन्यजीवों के लिए वरदान महादेवा तालाब
बहराइच पानी जितना मानव समाज के लिए आवश्यक है उतना ही जीव-जंतुओं के लिए भी।
बहराइच : पानी जितना मानव समाज के लिए आवश्यक है, उतना ही जीव-जंतुओं के लिए भी। ऐसे में कतर्निया वन्य जीव विहार में साल भर पानी से लबालब भरे रहने वाले महादेवा ताल की ओर निगाह जाना लाजिमी है। मानव समाज की छेड़छाड़ से दूर होने के कारण यह तालाब प्राकृतिक सौंदर्य को बचाए हुए है। इसकी देखरेख में वन कर्मी भी अहम भूमिका निभा रहे हैं।
कतर्नियाघाट जंगल में स्थित महादेवा तालाब जंगली वन्यजीवों के लिए वरदान सरीखा है। घने जंगल के बीच महादेवा ताल स्थित है। यह तालाब काफी बड़े क्षेत्रफल में है। यहां बारह माह पानी रहता है। ठंड के मौसम में विदेशी पक्षियों का प्रवास रहता है। गर्मी में देशी पक्षी यहां कलरव करते हैं।
कमल से आच्छादित तालाब से पक्षियों को प्रचुर मात्रा में भोजन उपलब्ध होता है। इसके अलावा यहां पर नमी हमेशा बनी रहती है। साल भर चीतल, बारासिघा, पाढ़ा, हाथी, बाघ, तेंदुआ जैसे वन्य जीव इस ताल के पानी से अपनी प्यास बुझाते हैं। वन दारोगा मयंक पांडेय ने बताया कि तालाब की बनावट ऐसी है, जिसके किनारे एक साथ कई तरह के वन्य जीव अपनी प्यास बुझाते हैं। इस तालाब पर बाहरी हस्तक्षेप न होने से तालाब अपने प्राकृतिक स्वरूप में ही सुरक्षित है। सैलानियों को लुभाती है प्राकृतिक छटा
वन्य जीव प्रभाग के सबसे प्रसिद्ध तालाबों में महादेवा ताल है। यह पर्यटकों के खास आकर्षण का केंद्र है। अपनी नैसर्गिक छटा के कारण यह लोगों में खासा लोकप्रिय है। जंगल भ्रमण के दौरान पर्यटक ताल के किनारे रुककर जरूर इसकी छटा निहारते हैं। ताल के किनारे पर्यटकों के बैठने के लिए बेंच लगाया गया है। तालाब के किनारे वाच टावर स्थित है, जिस पर चढ़कर सैलानी पशु-पक्षियों के साथ तालाब की खूबसूरती का दीदार करते हैं।