गुमराह कर दे रहे लोन, कर्ज वसूली के नाम पर दोहन
शहर में ब्याज पर रुपये देकर कमजोर तबके के लोगों की संपत्ति हड़पने व बेगार कराने का काम शुरू हो गया।
बदायूं : शहर में ब्याज पर रुपये देकर कमजोर तबके के लोगों की संपत्ति हड़पने समेत उनसे बेगार कराने का काम शुरू हो गया है। कुछ रसूखदार लोगों ने गिरोह बनाकर बेहद खामोशी से इस काम को अंजाम देना शुरू कर दिया है। शहर के कई हिस्सों में यह कारोबार चल रहा है। इस दलदल में जरूरतमंदों से लेकर छात्र भी धंसते जा रहे हैं।
पिछले कुछ महीनों से जरूरतमंदों को ब्याज पर रकम देने का कारोबार शहर में शुरू हो चुका है। 10 से 15 प्रतिशत ब्याज पर लोगों को रकम मुहैया करा दी जाती है। कहीं फाइनेंस कंपनी का दफ्तर खोलकर काम किया जा रहा है तो कहीं परिचितों के जरिये लोगों को राह दिखाते हुए खुद के पास बुलाने का सिलसिला भी जारी है। वहीं मामला रसूखदारों से जुड़ा होने के कारण कोई भी खुलकर बोलने को फिलहाल राजी नहीं है। इस खेल में शहर के विभिन्न मुहल्लों के अलावा आसपास के गांवों के लोग भी जुड़े हुए हैं। ऐसे चलता है खेल
जरूरतमंद व्यक्ति अगर अपनी संपत्ति या फिर गहने आदि रखकर रुपये लेता है तो उससे पांच प्रतिशत का ब्याज वसूला जाता है। जबकि बिना किसी संपत्ति या जेवरात के इस ब्याज की दर 10 प्रतिशत हो जाती है। इतना ही नहीं अगर यह भांप लिया जाता है कि कर्ज मांगने वाले के घर में बीमारी या बड़ी परेशानी है तो उसकी बेबसी को देखते हुए ब्याजदर में इजाफा भी कर दिया जाता है। जबकि बाद में अगर कर्ज लेने वाला किसी कारणवश ब्याज नहीं दे सका तो उस पर वसूली का दबाव बनाने के लिए लोग घरों पर चक्कर लगाना शुरू कर देते हैं।
बेगार न करने पर संपत्ति पर कब्जा करने की दे रहे धमकी
कमजोर वर्ग के लोग दबाव के बाद भी ब्याज नहीं दे पाते तो इन कथित साहूकारों द्वारा उस व्यक्ति से बेगार कराई जाती है। बाजार से घरेलू सामान लाने के साथ ही मेहमानों के आने पर उनकी सेवा कराई जाती है। इतने पर भी ब्याज न मिलने पर भुक्तभोगी से उसके हिस्से की दुकान, मकान या खेत का बैनामा अपने पक्ष में कराने से भी सूदखोर नहीं चूकते। वर्जन ::
ऐसा कोई मामला फिलहाल संज्ञान में नहीं आया है। अगर किसी का दोहन किया जा रहा है तो वह सीधे संपर्क कर सकता है। ऐसे सूदखोरों की धरपकड़ के लिए अलग से टीम भी गठित की जा चुकी है।
- जितेंद्र श्रीवास्तव, एसपी सिटी