जगह-जगह लगे बारूद के ढेर, मौत के मुहाने पर ¨जदगियां

शहर से लेकर देहात तक अवैध पटाखे का कारोबार खुलेआम चल रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 27 Oct 2018 01:15 AM (IST) Updated:Sat, 27 Oct 2018 01:15 AM (IST)
जगह-जगह लगे बारूद के ढेर, मौत के मुहाने पर ¨जदगियां
जगह-जगह लगे बारूद के ढेर, मौत के मुहाने पर ¨जदगियां

बदायूं : शहर से लेकर देहात तक अवैध पटाखे का कारोबार खुलेआम चल रहा है। घनी बस्तियों से लेकर गलियों तक पटाखा की अवैध फैक्ट्रियां चल रही हैं तो दीवाली आते ही आतिशबाजों ने अपने गोदाम भर लिए हैं। नियमों को दरकिनार कर वह मौत के इस खेल को अंजाम दे रहे हैं। हैरत की बात तो यह है कि हर साल तमाम हादसे इसकी वजह से होते हैं और जिम्मेदार कार्रवाई करने को तैयार नहीं होते। पुलिस और दमकल महकमे की सह पर धंधेबाज अपने कारोबार को बखूबी अंजाम देते हैं। सिस्टम की मिलीभगत कहें या फिर लापरवाही यही वजह हादसे का सबब बनती है।

शहरी क्षेत्र में आतिशबाजी के महज 33 लाइसेंस हैं, जबकि इससे दस फीसदी ज्यादा आतिशबाजी के कारखाने चल रहे हैं। घनी बस्ती के बीच किसी भी सूरत में किसी का गोदाम या फिर कारखाना नहीं हो सकता है, लेकिन यहां बस्तियों के बीच ही इस धंधे को चलाया जा रहा है। दीवाली करीब आने के बाद हालात और विस्फोटक हो जाते हैं। धंधेबाज सक्रिय होने से पहले जिम्मेदार दमकल महकमा से लेकर पुलिस महकमे तक से अपनी सांठगांठ पुख्ता कर लेते हैं। दमकल महकमा इसके बाद मौत के इस सामान बनाने को खुली छूट दे देता है। हैरानी की बात तो यह है कि बाजारों से लेकर हर गली-मुहल्लों में दीवाली के वक्त आतिशबाज बारूद से गोदाम भर लेते हैं और कार्रवाई के नाम पर कुछ भी नहीं किया जाता।

इंसेट ..

आतिशबाजों की नहीं हो रही थी मानीट¨रग

दीवाली के वक्त आतिशबाजों की मानीट¨रग होना चाहिए। नियम भी है और इसको लेकर कोर्ट भी सख्त हुआ है। मगर, यहां आतिशबाजों की कोई मानीट¨रग नहीं रही थी।इस बात खुलासा विस्फोट कांड के बाद हुआ है। सभी इसके पीछे सिस्टम को भी जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। लोगों का कहना है कि पुलिस अगर इस गोदाम की हकीकत को चेक कर लेती तो शायद इतना भीषण हादसा नहीं होता। वर्जन ..

आतिशबाजी के 33 लाइसेंस पहले से ही जारी किए जा चुके हैं। संजू का भी आतिशबाजी बनाने और बेचने का लाइसेंस था, इस बात की पुष्टि हमने कर ली है। सीएफओ से लेकर पुलिस तक को निर्देश दिए गए हैं कि सभी आतिशबाजों के यहां छापेमार अभियान चलाकर कार्रवाई करें। इसके लिए विशेष टीम का गठन किया गया है। हादसा काफी दुखद है इस दुख की घड़ी में हम सभी मृतकों के परिजनों के साथ हैं।

- सुनील कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट

--------------------------

chat bot
आपका साथी