जनपद में भी प्रवाहमान होगी 'ऊर्जा गंगा '

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ : केंद्र की महत्वाकांक्षी ऊर्जा गंगा परियोजना इस साल के अंत तक आक

By JagranEdited By: Publish:Fri, 20 Apr 2018 11:07 PM (IST) Updated:Fri, 20 Apr 2018 11:07 PM (IST)
जनपद में भी प्रवाहमान होगी 'ऊर्जा गंगा '
जनपद में भी प्रवाहमान होगी 'ऊर्जा गंगा '

जागरण संवाददाता, आजमगढ़ :

केंद्र की महत्वाकांक्षी ऊर्जा गंगा परियोजना इस साल के अंत तक आकार ले लेगी। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में पब्लिक को इसका सीधे लाभ मिलेगा ¨कतु इसकी जद में आने वाले बहुतायत जिले भी लाभ से अछूते नहीं रहेंगे। इसी में शामिल रहेगा सपा मुखिया मुलायम ¨सह का संसदीय क्षेत्र भी। बनारस से गोरखपुर तक यानी 165 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाए जाने का कार्य अंतिम दौर में है। यह पाइप लाइन वाराणसी के ¨पडरा, जौनपुर के केराकात के अलावा आजमगढ़ के लालगंज, निजामाबाद, बुढ़नपुर ब्लाक होते हुए अम्बेडकर नगर वाया गोरखपुर तक जा रही है। आजमगढ़ में गैस पाइप लाइन का कार्य लगभग अंतिम दौर में है। कंपनी ने इस जिले में कई स्थानों पर वॉल प्वाइंट भी बना रही है। गेल इंडिया कंपनी से जुड़े लोगों का कहना है कि भविष्य में किसी कंपनी ने आजमगढ़ में घर-घर पाइप लाइन के जरिए गैस पहुंचाने की दिशा में आगे आई और सरकार की सहमति बनी तो घर-घर गैस पहुंच सकती है। गेल कंपनी को घर-घर गैस पहुंचाने का कार्य वाराणसी समेत छह चु¨नदा शहरों में करने की जिम्मेदारी मिली है। एक दर्जन से अधिक ब्लाक व

200 से अधिक गांव जद में वाराणसी से गोरखपुर के बीच 165 किलोमीटर पाइप लाइन की जद में वाराणसी के ¨पडरा, जौनपुर का केराकत आजमगढ़ का लालगंज, निजामाबाद व बूढनपुर, अम्बेडकर नगर जिले के आलापुर, गोरखपुर जिले के खजनी, संत कबीरनगर जिले के घनघरा व गोरखपुर के सहजनवा आदि ब्लाक आदि शामिल हैं। इन ब्लाकों के लगभग दो से अधिक गांव इसकी जद में आएंगे। किसानों को पूरा मुआवजा

गेल इंडिया कंपनी से जुड़े लोगों का कहना है कि किसानों की जमीन पाइप लाइन बिछाने के लिए ली जाती है। बीस मीटर चौड़ी पट्टी बिछाने के दौरान खेत में अगर फसल होती है तो पूरा मुआवजा दिया जाता है। अगर काम एक साल चलता है तो तीनों फसल का मुआवजा दिया जाता है। खेत जिस हालत में लिया जाता है उसी तरह उसे सौंपा भी जाता है। सर्किल रेट की दर से मुआवजा का भी प्राविधान है। किसानों को अपनी जमीन क्रय विक्रय की पूरी छूट होती है। कंपनी को इससे कोई मतलब नहीं। गैस पाइप लाइन बिछाने का कार्य तेजी से हो रहा है। अब तक 60 फीसद कार्य पूर्ण हो चुका है। इस साल के अंत तक यह परियोजना पूर्ण हो जाएगी। पाइप लाइन जिस शहर से होकर गुजर रही है, वहां के लोगों को भी ऊर्जा गंगा परियोजना का लाभ मिलेगा। घर-घर पाइप लाइन बिछाने का कार्य गेल को बनारस समेत चु¨नदा छह शहरों में मिला था। अन्य कोई कार्यदायी एजेंसी आगे आएगी तो वह अन्य शहरों में भी घर-घर पाइप लाइन बिछाने के कार्य को मूर्तरूप दे सकती है। हालांकि इस बाबत सरकार से परमिशन लेना होगा। ऊर्जा गंगा परियोजना का मुख्य उद्देश्य अधिक से अधिक लोगों तक सुलभ ढंग से गैस पहुंचना है। महत्वपूर्ण जानकारियां

-ऊर्जा-गंगा पूर्वी भारत के सात शहरों-वाराणसी, रांची, कटक, पटना, जमशेदपुर, भुवनेश्वर और कोलकाता के लिए शहर गैस वितरण परियोजना है।

-24 अक्टूबर, 2016 को इस परियोजना का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में किया था।

-ऊर्जा-गंगा परियोजना गेल द्वारा निर्माणाधीन जगदीशपुर-हल्दिया-बोकारो-धर्मा पाइपलाइन प्रोजेक्ट का भाग है।

-गेल (इंडिया) लिमिटेड भारत की सबसे बड़ी एकीकृत प्राकृतिक गैस कंपनी है। परियोजना से लाभ

-पाइपों में गैस भेजने से मानव ऊर्जा एवं समय की बचत होगी।

-निर्बाध आपूर्ति के साथ सिलेंडर के पुनर्भरण का इंतजार खत्म होगा।

-कई फैक्ट्रियां इस परियोजना से लाभान्वित होंगी।

-उपभोक्ताओं के लिए मिलावट एवं गैस चोरी का खतरा नहीं रहेगा।

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