टिप्पणी के बाद एसओ की कार्रवाई से गुस्से में थे आरोपी
जागरण संवाददाता, सरायमीर (आजमगढ़) : कस्बे में शनिवार को जो बवाल व उपद्रव हुआ उसके पीछे
जागरण संवाददाता, सरायमीर (आजमगढ़) : कस्बे में शनिवार को जो बवाल व उपद्रव हुआ उसके पीछे कहीं उपद्रवियों की तो सोची-समझी प्ला¨नग तो नहीं थी। तभी तो शुक्रवार की शाम रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद शनिवार की सुबह थाने पर जमकर उपद्रव किया। जिसके चलते थानाध्यक्ष सहित दर्जनों पुलिस कर्मी घायल हो गए और रोडवेज स्थित पुलिस चौकी में आगजनी की गई। इतना ही नहीं पुलिस चौकी पर तैनात दीवान को मारपीट कर घायल कर दिया। बाजार में कई जगह तोड़फोड़ व मारपीट की गई।
बताया जाता है कि तीन दिन पूर्व सरायमीर थानाध्यक्ष रामनरेश यादव पर सोशल मीडिया द्वारा की गई टिप्पणी के बाद पुलिस ने क्षेत्र के कोरौली खुर्द निवासी कलीम जामई के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इसी के बाद से ही कुछ लोग पुलिस को इसका जवाब देने के लिए रणनीति बनाने में जुट गए थे। रणनीति का हिस्सा सरायमीर के अमन-चैन को ठेस पहुंचाने का काम किया।
इसी के तहत एक वर्ग विशेष के लोगों ने पूरी प्ला¨नग के तहत इस घटना को अंजाम देने के लिए ताना-बाना बुना। इस ताने-बाने के पीछे कुछ संगठन के लोग पुलिस को सबक सिखाने के लिए पूरी रणनीति बनाई। लोगों की भावनाओं को भड़काने के लिए किया गया, जिसके तहत धर्म एवं मजहब के नाम पर लोगों को उकसाया गया और उन्हें घर से बाहर निकलने के लिए मजबूर किया गया। पिछले दो दिन से यह सब कुछ हो रहा था और इस साजिश की भनक से जिले की खुफिया विभाग पूरी तरह अनजान बनी हुई थी। जबकि शुक्रवार को पुलिस ने अभद्र टिप्पणी करने वाले के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था लेकिन इसके बाद भी लोगों को भड़काने का काम किया गया।
पहले मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई, बाद में रासुका की मांग को लेकर लोग सड़क पर उतर आए। अगर उन्हें आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करनी ही थी तो वह पुलिस के उच्चाधिकारियों के सामने अपनी मांगों को रख सकते थे। थाने का घेराव प्रदर्शन कर रहे लोग अचानक पुलिस पर उग्र हो गए। थाने पर पथराव करना शुरू कर दिया। पुलिस के वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया।
एटीएम बूथ में तोड़फोड़ कर बैंक में घुसने का प्रयास किया गया। उपद्रवियों का उद्देश्य था कि पूरे जिले को दंगे की आग में झोंकने की, लेकिन उनके इरादे पर पुलिस ने पानी फेर दिया। जब काफी संख्या में सरायमीर की ओर कूच कर पुलिस एक्शन लेते ही उपद्रवियों के तेवर ढीले हो गए।