Ayodhya: रामभक्ति में रमी मुस्लिम महिलाएं, रामज्योति लेने अयोध्या पहुंचीं नाजनीन और नजमा; बोलीं- लोग अपने धर्म बदल सकते हैं लेकिन संस्कृति नहीं
काशी की रहने वाली मुस्लिम महिलाएं नाजनीन अंसारी और डॉ नजमा परवीन 17 वर्षों से रामभक्ति में रमी है। दोनों महिलाएं रामज्योति लेने अयोध्या पहुंचीं। नाजनीन का कहना है कि लोग अपने धर्म बदल सकते हैं लेकिन अपने पूर्वजों परंपराओं और संस्कृति को नहीं। दोनों मुस्लिम महिलाओं ने अयोध्या के प्रमोदवन स्थित साकेत भूषण मंदिर पहुंचकर महंत शंभुदेवाचार्य से मुलाकात की।

संवाद सूत्र, अयोध्या। काशी की रहने वाली नाजनीन अंसारी और डॉ नजमा परवीन 17 वर्षों से रामभक्ति में रमी है। वर्ष 2006 में जब आतंकियों ने काशी के संकट मोचन मन्दिर में बम ब्लास्ट करके हिंदुस्तान का ताना बाना बिगाड़ने का कुचक्र रचा, तो उस समय नाजनीन अंसारी और नजमा परवीन ने 70 मुस्लिम महिलाओं के साथ संकट मोचन मंदिर जाकर हनुमान चालीसा का पाठ किया था।
नाजनीन ने हनुमान चालीसा को उर्दू में लिखा है। नाजनीन का कहना है कि लोग अपने धर्म बदल सकते हैं, लेकिन अपने पूर्वजों, परंपराओं और संस्कृति को नहीं। दोनों मुस्लिम महिलाओं ने अयोध्या के प्रमोदवन स्थित साकेत भूषण मंदिर पहुंचकर महंत शंभुदेवाचार्य से मुलाकात की। शंभुदेवाचार्य ने उन्हें राम ज्योति भेंट की। रविवार को मध्याह्न 12 बजे रामज्योति यात्रा काशी पहुचेंगी, सीमा पर विशाल भारत संस्थान के कार्यकर्ता स्वागत करेंगे।
जामाता के लिए जनकपुर से पहुंचा पाग और सनेस
रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह मिथिला के पाग और सनेस से सज्जित हुआ। मिथिला की संस्कृति के अनुसार बेटी या बहन के घर किसी भी शुभ अवसर पर पाग-सनेस भेजे जाने की परंपरा है। यह परंपरा शनिवार को पूरी मार्मिकता से आगे बढ़ी।
यह अवसर सीताराम विवाहोत्सव जैसा दृश्य भी उपस्थित कर रहा था। रामजन्मभूमि से लेकर कारसेवकपुरम तक जनकपुरवासियों का उल्लास बिखरा रहा। छह सौ की संख्या में जनकपुरवासी अपने दामाद भगवान राम व बहन सीता के लिए उपहार लेकर यहां पहुंचे थे।
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