अग्निपीड़ितों ने खुले में भूखे पेट गुजारी रात

दृश्य एक - गोहना निवासी राम स्वरूप के घर में चूल्हा टूटा पड़ा है। दूसरे दिन भी जले हुए बर्तन जस के तस

By Edited By: Publish:Fri, 22 Apr 2016 01:00 AM (IST) Updated:Fri, 22 Apr 2016 01:00 AM (IST)
अग्निपीड़ितों ने खुले में भूखे पेट गुजारी रात

दृश्य एक - गोहना निवासी राम स्वरूप के घर में चूल्हा टूटा पड़ा है। दूसरे दिन भी जले हुए बर्तन जस के तस पड़े दिखाई दिए। जाहिर है कि न तो घर में चूल्हा जला न ही खाना बनाने के लिए बर्तनों का इस्तेमाल किया जा सका।

दृश्य दो - राम स्वरूप की वृद्ध पत्नी रामश्री 24 घंटे से भूखे परिवारीजनों का पेट भरने के लिए कुछ पकाने को ईंटों का चूल्हा बना रही हैं। हालांकि उन्हें यह नहीं पता कि इस चूल्हे पर पकाना क्या है। पूछने पर कहा कि जिसने पेट दिया वही दो निवाले भी देगा।

दृश्य तीन - स्कूल से मिली ड्रेस और घर में पहनने वाले सारे कपड़े जल गए, अलमारी दिखाते हुए यह बात कहकर संदीप का 11 वर्षीय पुत्र सिसक उठा।

दृश्य चार - त्वचा झुलसा देने वाली लू में नंगे बदन रहना इन मासूमों की मजबूरी है। आग ने सब कुछ राख करते वक्त यह भी नहीं सोचा कि भीषण गर्मी में इन बच्चों को कितनी दिक्कत झेलनी पड़ेगी।

दृश्य पांच - वक्त ने आग की लपटों से जो स्याह इबारत नसीब में लिखी उसकी छाया परिवार के सदस्यों पर साफ दिखी। दूसरे दिन भी महिलाओं की आंखें नम थी, आंसू छुपाने के लिए इनके पास बस आंचल का सहारा था।

औरैया, जागरण संवाददाता :

गोहना गांव में दूसरे दिन भी मंजर बेहद दर्दनाक था, बच्चे भूखे थे रात में बिना चारपाई, बिस्तर के सोना वैसे भी मुश्किल है फिर जिसका सब कुछ राख हो चुका हो उसे नीद कहां आ सकती है। मोहल्ले के 14 परिवार पूरी तरह मुफलिसी के गर्त में डूबे नजर आए। बुधवार को आग की बेरहम लपटों ने गांव के राम स्वरूप, दिनेश, संदीप कुमार, अभय प्रताप, देवेन्द्र, धर्मेन्द्र, राम प्रकाश, नागेश, वीरेन्द्र, नाथूराम, संजू, करन ¨सह, शिव कुमार व सुरेन्द्र के घर फूंक दिए थे। घर में रखी संपत्ति समेत दाल, चावल, आटा यहां तक की हरी सब्जी भी जल कर राख हो गई थी। गुरुवार को पूरा मोहल्ला आग की त्रासदी से हलकान दिखा।

मदद को बढ़े कुछ हाथ

अभी तक ग्रामीणों के लिए सरकारी इमदाद तो नहीं पहुंची है, लेकिन कुछ स्वयंसेवी संस्थाएं व लोग आगे आए हैं। समाजसेवी मान ¨सह दोहरे ने गांव जाकर पीड़ित परिवारीजनों को आटा, चावल, दाल, तेल व अन्य खाने पीने का सामान दिया। उन्होंने प्रशासन से भी मदद पहुंचाने की अपील की है। ग्रामीणों ने अन्य स्वयंसेवी व जनप्रतिनिधियों से इमदाद की गुहार लगाई है।

जल्द मिलेगा मुआवजा

एसडीएम सदर जितेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि राजस्व विभाग ने ग्रामीणों को आग से हुए नुकसान की आंकलन आख्या तैयार कर ली है। जल्द ही अग्नि पीड़ितों को सहायता मुहैया कराई जाएगी।

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