थिक वेब स्विच से 180 किमी रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेनें और कम होगा खतरा

भारतीय रेलवे ट्रेनों की गति बढ़ाने वाली है। इसके लिए थिक वेब स्विच लगने जा रहा है। इसके लगने पर ट्रेनों की गति के साथ संरक्षा बढ़ेगी।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Wed, 27 Sep 2017 09:45 PM (IST) Updated:Thu, 28 Sep 2017 06:05 PM (IST)
थिक वेब स्विच से 180 किमी रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेनें और कम होगा खतरा
थिक वेब स्विच से 180 किमी रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेनें और कम होगा खतरा

इलाहाबाद (जेएनएन)। भारतीय रेलवे ट्रेनों की गति बढ़ाने वाली है। इसके लिए थिक वेब स्विच लगने जा रहा है। इसके लगने पर ट्रेनों की गति के साथ संरक्षा बढ़ेगी। ट्रैक पर पटरियों में ट्रेनों की दिशा बदलने के लिए टर्न आउट लगे होते हैं। अभी तक उसमें परंपरागत स्विच का प्रयोग होता रहा है। अब थिक वेब स्विच लगाने का काम तेजी से चल रहा है। काम पूरा होने पर ट्रेनों की स्पीड को 50 किलोमीटर प्रति घंटा तक बढ़ाना संभव होगा। उत्तर मध्य रेलवे के गाजियाबाद-मुगलसराय रेल खंड पर थिक वेब स्विच लगाने का काम तेज है। कुल 450 फेसिंग प्वाइंट के स्विचों को थिक वेब स्विच से बदला जाना है। प्रथम चरण में गाजियाबाद-कानपुर के बीच के 225 फेसिंग प्वाइंटस पर काम शुरू हो चुका है। 50 प्वाइंट पर ये स्विच लग चुके हैं। काम पूरा होने पर गाजियाबाद-मुगलसराय रेल खंड पर 180 किलो मीटर प्रति घंटे की स्पीड से ट्रेनें दौड़ सकेंगी। अभी 130 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेनें चल रही हैं।

यह भी पढ़ें: भाजपा ने निकाय चुनाव जीतने की बनाई रणनीति, प्रभारी घोषित

ऐसे बढ़ेगी स्पीड

जहां पर पटरियों की दिशा बदली जाती है उसे फेसिंग प्वाइंट कहा जाता है। ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने के लिए इसका मजबूत और टिकाऊ होना जरूरी है। थिक वेब स्विच परंपरागत स्विच की तुलना में मोटा, डबल लॉकिंग और स्प्रिंग सेटिंग का होता है। इसमें स्पंदन भी कम होता है, जो हाईस्पीड के लिए आदर्श माना जाता है।

यह भी पढ़ें: अवैध और जहरीली शराब से मौत होने पर अब दोषियों को मृत्युदंड

थिक वेब स्विच के ऊपर से गुजरने वाली ट्रेनों के यात्रियों को पता तक नहीं चलता कि उनकी ट्रेन फेसिंग प्वाइंट से गुजरी है। सीपीआरओ गौरव कृष्ण बंसल का कहना है कि इसके लग जाने पर ट्रेनों की स्पीड को 50 किलोमीटर प्रति घंटा तक बढ़ाना संभव होगा। फेसिंग प्वाइंट पर डिरेलमेंट होने की संभावना अधिक होती है, लेकिन इसके लगने से संरक्षा भी बढ़ेगी।

यह भी पढ़ें: सीमा पर सनसनीः भारत-नेपाल सीमा पर मिला तलवारों का जखीरा

chat bot
आपका साथी