प्रयागराज का यह रेलवे स्टेशन जहां 16 साल बाद मिलना शुरू हुआ ट्रेन में सफर के लिए टिकट

प्रयाग अयोध्या रूट के दयालपुर हाल्ट के 16 साल बाद दोबारा शुरु होने के बाद भी टिकट नहीं मिल रहा था। समस्या को जागरण ने प्रकाशित किया। इसके बाद डीआरएम लखनऊ सुरेश ने तत्काल रेलकर्मी की स्टेशन पर नियुक्ति की। यह कर्मचारी अब प्रतिदिन टिकट हाल्ट पर उपलब्ध कराएगा।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Mon, 24 Jan 2022 10:11 AM (IST) Updated:Mon, 24 Jan 2022 10:11 AM (IST)
प्रयागराज का यह रेलवे स्टेशन जहां 16 साल बाद मिलना शुरू हुआ ट्रेन में सफर के लिए टिकट
- सात जनवरी को रेलवे बोर्ड ने हाल्ट स्टेशन को शुरु करने का दिया था आदेश

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। क्या आप भी भरोसा करेंगे कि एक ऐसा स्टेशन जहां ट्रेन तो रुकती है, यात्री सवार होते हैं लेकिन वहां टिकट नहीं मिलता, टिकट दूसरे स्टेशन से लेना पड़ता है। ऐसा एक स्टेशन प्रयागराज में है।  प्रयाग अयोध्या रूट के दयालपुर हाल्ट के 16 साल बाद दोबारा शुरु होने के 18 दिन बाद भी टिकट नहीं मिल रहा था। समस्या को जागरण ने प्रमुखता के साथ प्रकाशित किया। इसके बाद डीआरएम लखनऊ सुरेश ने तत्काल रेलकर्मी की स्टेशन पर नियुक्ति की। यह कर्मचारी अब प्रतिदिन टिकट हाल्ट पर उपलब्ध कराएगा।

जागरण की खबर के बाद मिलने लगा टिकट को खुश हुए स्थानीय लोग

प्रयागराज इलाके में गंगापार में अयोध्या रूट के दयालपुर हाल्ट पर 16 साल बाद टिकट की बिक्री शुरू होने पर ग्रामीणों ने जश्न मनाते हुए पहले रेलकर्मी का फूल मालाओं से स्वागत किया। फिर अयोध्या का टिकट लेकर दस यात्रियों का जत्था राम लला के दर्शन के लिए रवाना हुआ। इसमें राजनाथ पटेल, मो. रफीक, संतलाल, पुनीत सिंह, सुधाकर, प्रभाकर, अमरनाथ, गगन, यशवंत, श्याम मनोहर, राज बहादुर समेत अन्य शामिल हैं। ग्रामीणों ने टिकट बिक्री शुरू हो जाने पर जागरण को धन्यवाद दिया।

2005 में बंद कर दिया गया था इस स्टेशन को

दयालपुर रेलवे हाल्ट को 2005 में कम आमदनी के कारण बंद कर दिया गया था। इसे शुरू कराने के लिए लंबे समय से ग्रामीण आंदोलनरत थे। 24 जुलाई को दैनिक जागरण ने इस हाल्ट को शुरू कराने के लिए अभियान शुरू किया। जनप्रतिनिधियों से लेकर जोन, रेल मंत्री और बोर्ड तक ग्रामीणों की आवाज पहुंची। जिसके क्रम में सात जनवरी को इस हाल्ट स्टेशन को शुरू करने का आदेश हुआ और आठ जनवरी से यहां ट्रेन रुकने लगी हैं। इस हाल्ट के बहाल होने से ग्रामीण इलाके को फिर से संजीवनी मिल गई है।

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