राज्य विश्वविद्यालय ने प्रतापगढ़ में दो गांव तो चुने मगर काम नहीं हुआ शुरू

यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के आदेश पर कुलपति ने महाविद्यालयों को निर्देश जारी किया था। इसके अंतर्गत गोद लिए गांवों में पांच प्रकार की व्यवस्थाएं सुनिश्चित करना था। इनमें हरित पारिस्थितिकी के अंतर्गत पीपल बरगद नीम का पेड़ लगाना था।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Wed, 28 Oct 2020 04:10 PM (IST) Updated:Wed, 28 Oct 2020 04:10 PM (IST)
राज्य विश्वविद्यालय ने प्रतापगढ़ में दो गांव तो चुने मगर काम नहीं हुआ शुरू
कुछ महाविद्यालयों ने गांव तो चयनित किए लेकिन वहां कुछ किया नहीं।

प्रयागराज, जेएनएन। प्रतापगढ़ में एक साल पहले राज्यपाल के आदेश पर प्रोफेसर राजेंद्र सिंह रज्जू भैया विश्वविद्यालय प्रयागराज की कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव ने महाविद्यालयों के प्राचार्यों एवं प्रबंधकों को पत्र लिखकर दो गावों को गोद लेकर वहां बेहतर माहौल बनाने का निर्देश दिया था। इसके साथ ही प्रत्येक गांव के दो बच्चों को गोद लेकर उनकी जिम्मेदारी उठानी थी। उनके इस आदेश का किसी महाविद्यालय ने पालन नहीं किया। कुछ महाविद्यालयों ने गांव तो चयनित किए लेकिन वहां कुछ किया नहीं।

राज्यपाल का था फरमान

यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के  आदेश पर कुलपति ने महाविद्यालयों को निर्देश जारी किया था। इसके अंतर्गत गोद लिए गांवों में पांच प्रकार की व्यवस्थाएं सुनिश्चित करना था। इनमें हरित पारिस्थितिकी के अंतर्गत पीपल, बरगद, नीम का पेड़ लगाना था। अपशिष्ट प्रबंधन में गांव से निकलने वाले कूड़े का वैज्ञानिक निष्पादन करना था। गांव में सौर ऊर्जा संयंत्र की स्थापना कराने, हानिकारक गैसों का न्यूनतम उत्सर्जन सुनिश्चित कराकर आदर्श वातावरण बनाने पर काम करना था।  इसके अलावा महाविद्यालय यह सुनिश्चित करना था कि गोद लिए गांव के लोगों के स्वास्थ्य एवं सफाई के लिए जागरूकता का वातावरण बना रहे। तमाम फैलने वाली बीमारियों से बचाव के लिए जानकारी दी जाए। गांव में कोई टीबी का मरीज मिलता तो उसके इलाज की संपूर्ण व्यवस्था करनी थी। इससे बचाव की जानकारी भी गांव वालों को दी जानी थी। कुलपति के इस आदेश को महाविद्यालयों ने हवा में उड़ा दिया।  एमडीपीजी के जन सूचना अधिकारी डॉ. सीएन पांडेय ने बताया कि प्राचार्य डॉ. विनोद शुक्ल  ने दो गावों को चिह्नित कर लिया है। जल्द ही वहां दिए गए निर्देशों के अनुसार कार्य कराया जाएगा।

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