Allahabad University के छात्रों को प्रोन्नत करने पर लग सकती है मुहर, परीक्षा समिति की बैठक में स्थिति होगी साफ

फिलहाल परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर रमेन्द्र कुमार सिंह ने बताया की 1230 बजे बैठक बुलाई गई। इस बैठक में अहम निर्णय लिया जाएगा। जो भी फैसला लिया जाएगा वह छात्रहित में ही लिया जाएगा। इससे छात्रों का नुकसान न हो और सत्र भी बेपटरी होने से बचाया जा सके।

By Ankur TripathiEdited By: Publish:Tue, 04 May 2021 10:53 AM (IST) Updated:Tue, 04 May 2021 10:53 AM (IST)
Allahabad University के छात्रों को प्रोन्नत करने पर लग सकती है मुहर, परीक्षा समिति की बैठक में स्थिति होगी साफ
12:30 बजे ऑनलाइन मोड में प्रस्तावित परीक्षा समिति की बैठक के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) समेत संघटक कॉलेजों के छात्र-छात्राओं को आज प्रोन्नत करने पर अंतिम मुहर लग सकती है। जबकि, अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षा कराने का फैसला लिया जा सकता हैं। आज 12:30 बजे ऑनलाइन मोड में प्रस्तावित परीक्षा समिति की बैठक के बाद स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। 

12:30 बजे शुरू होगी बैठक

कुलपति प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव की अध्यक्षता में दोपहर 12:30 बजे से परीक्षा समिति की बैठक शुरू होगी। ओस बैठक में परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर रमेन्द्र कुमार सिंह विभिन्न पहलू पर अपना प्रस्ताव रखेंगे। इसके बाद 15 सदस्य सर्वसम्मति से कोई फैसला लेंगे। 

09 अप्रैल को स्थगित हुई थीं परीक्षाएं

इविवि की परीक्षाएं ऑनलाइन मोड में कराई जा रही थीं। कोरोना के केस अचानक तेजी से बढ़ने लगे। हालात यह यह कि तकरीबन 100 से अधिक शिक्षक एयर कर्मचारी कोरोना संक्रमित हो गए। ऐसे में कुलपति ने आपात बैठक बुलाई। इसके बाद यह फैसला लिया गया कि विश्वविद्यालय बन्द कर दिया जाए। इस लिहाज से सभी परीक्षाएं भी टाल दी गई।

अब चार जुलाई तक इविवि बंद

पिछले दिनों हालात को देखते हुए फिर से कुलपति ने बैठक बुलाई। इसमें कोरोना के मामले कम नहीं होने पर अगले आदेश के लिए मंथन शुरू हुआ। घण्टों बैठक चली। अंत मे विश्वविद्यालय चार जुलाई तक बन्द करने का निर्णय लिया गयं इस लिहाज से सभी परीक्षाएं भी टाल दी गईं। 

परीक्षा पर आज होगा फैसला

फिलहाल परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर रमेन्द्र कुमार सिंह ने बताया की 12:30 बजे बैठक बुलाई गई। इस बैठक में अहम निर्णय लिया जाएगा। जो भी फैसला लिया जाएगा वह छात्रहित में ही लिया जाएगा। इससे छात्रों का नुकसान न हो और सत्र भी बेपटरी होने से बचाया जा सके।

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