कुंभ मेले की तैयारीः गंगा की पांच छोटी-छोटी धाराओं को एक कर बढ़ाएंगे मेले की जगह

कुंभ मेला क्षेत्र में जमीन बढ़ाने के लिए प्रशासन की ओर से गंगा को एक धारा में समेटने की कवायद शुरू की गई है।

By Nawal MishraEdited By: Publish:Tue, 16 Oct 2018 09:18 PM (IST) Updated:Wed, 17 Oct 2018 09:18 AM (IST)
कुंभ मेले की तैयारीः गंगा की पांच छोटी-छोटी धाराओं को एक कर बढ़ाएंगे मेले की जगह
कुंभ मेले की तैयारीः गंगा की पांच छोटी-छोटी धाराओं को एक कर बढ़ाएंगे मेले की जगह

प्रयागराज (ज्ञानेन्द्र सिंह)। कुंभ मेला क्षेत्र में जमीन बढ़ाने के लिए प्रशासन की ओर से गंगा को एक धारा में समेटने की कवायद शुरू की गई है। दरअसल, अभी गंगा की मुख्य धारा के अतिरिक्त पांच छोटी धाराएं भी हैं, जो काफी जगह ले ली हैं। ऐसे में कुंभ मेला प्रशासन चाहता है कि छोटी धाराएं खत्म करा दी जाएं। इससे लगभग ढाई सौ हेक्टेयर अतिरिक्त जमीन मिल सकेगी। इससे मेला के नौ सेक्टरों का क्षेत्रफल बढ़ जाएगा। छोटी धाराएं डेड होने से पांटून पुलिया का खर्च बचेगा। गंगा की मुख्य धारा का जलस्तर भी बढ़ जाएगा। कुंभ मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि बुधवार से ड्रेजिंग का काम शुरू कराया जाएगा। 

मेला में जमीन बढ़ाने के लिए प्रयागराज मेला प्राधिकरण की टीम ने सोमवार को पूरे मेला क्षेत्र का भ्रमण किया था। इस दौरान कई अहम बिंदुओं पर मंथन हुआ। खासतौर पर संगम के पास जमीन बढ़ाने के लिए कोशिशें भी तेज की गईं। प्रशासनिक टीम ने सिंचाई विभाग बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता मनोज कुमार सिंह को बुलाया और उनसे छोटी धाराओं को खत्म कराने को कहा गया। मामला सीधे मुख्यमंत्री से जुड़ा है इसलिए इसमें तेजी लाई गई। रविवार को टेंट सिटी के प्रस्तावित स्थल के निरीक्षण के दौरान सीएम योगी ने नाराजगी जताई थी। उन्होंने टेंट सिटी को संगम के पास बसाने के निर्देश दिए हैं। अब अरैल की ओर टेंट सिटी को संगम के पास बसाया जाएगा तो जिन बड़े संतों को वहां जमीन प्रस्तावित थी उन्हें अब दारागंज के पास देने पर विचार हो रहा है मगर यहां गंगा की छोटी धाराएं हैं। कोशिश है कि ये छोटी धाराएं खत्म हो जाएंगी तो काफी जगह मिल जाएगी। सोमवार रात से कवायद शुरू कर दी गई। छोटी धाराओं को डेड कराने के लखनऊ से दो ड्रेजर भी मंगा लिए गए। दो सप्ताह में पांचों धाराएं डेड करा दी जाएंगी। 

ऐसे होगी ड्रेजिंग

गंगा की मुख्य धारा में जहां से सहायक धाराएं निकलीं हैं, वहां ड्रेजर से बालू निकाली जाएगी। ये बालू मुख्य धारा से निकाली जाएगी और उसे सहायक धारा की ओर रखी जाएगी। इससे छोटी धारा जहां से शुरू होती है वहां बालू की ऊंचाई बढ़ जाएगी और मुख्य धारा की गहराई ज्यादा होगी तो पानी उस ओर ही जाएगा। यही नहीं बालू से भरी बोरियां और क्रेट्स भी सहायक धाराओं के मुहाने पर रखे जाएंगे। इसके लिए ड्रेजर मशीनों के साथ ही पोकलैंड और जेसीबी भी मंगाई गई है। 

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