Allahabad Central University : सर्च कमेटी में राष्ट्रपति से नामित सदस्य पर भी रार Prayagraj News

सेवानिवृत्त प्रोफेसर एके श्रीवास्तव का कहना है कि प्रो. सिंह वर्ष 2008 में बीएचयू के कुलपति पद पर रहते हुए इविवि कार्य परिषद के सदस्य भी थे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Thu, 23 Jul 2020 11:23 AM (IST) Updated:Thu, 23 Jul 2020 06:35 PM (IST)
Allahabad Central University : सर्च कमेटी में राष्ट्रपति से नामित सदस्य पर भी रार Prayagraj News
Allahabad Central University : सर्च कमेटी में राष्ट्रपति से नामित सदस्य पर भी रार Prayagraj News

प्रयागराज,जेएनएन।  इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) में स्थायी कुलपति की नियुक्ति के लिए सर्च कमेटी के सदस्यों के बाद अब राष्ट्रपति से नामित सदस्य प्रोफेसर डीपी सिंह के चयन पर भी रार छिड़ गई है। एक रिटायर्ड प्रोफेसर ने प्रो. सिंह को कमेटी का समन्वयक बनाए जाने का विरोध किया है।

प्रो. खेत्रपाल के नाम का हो चुका है विरोध

पूर्व कुलपति प्रोफेसर रतन लाल हांगलू ने 31 दिसंबर 2019 को इस्तीफा दिया था। इसके बाद केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) ने कुलपति पद के लिए आवेदन मांगे। देशभर से 125 शिक्षाविदों ने  21 फरवरी तक आवेदन किया। नौ आवेदन इविवि से जुड़े शिक्षकों के हैं। छह मार्च को कार्य परिषद की बैठक में सदस्यों ने सर्वसम्मति से सर्च कमेटी के लिए प्रो. सीएल खेत्रपाल और प्रो. गौतम सेन के नाम पर मुहर लगाई। इलाहाबाद विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (आटा) के अध्यक्ष प्रोफेसर राम सेवक दुबे ने इसका विरोध किया। राष्ट्रपति को पत्र भेज बताया कि प्रो. खेत्रपाल वर्ष 1998 से 2001 तक इविवि के कुलपति रह चुके हैं। वह कार्य परिषद के सदस्य भी रहे हैं। उनका चयन उचित नहीं है।

प्रो. डीपी सिंह के नाम पर सेवानिवृत्त प्रोफेसर एके श्रीवास्तव ने जताया एतराज

अब विजिटर के रूप में राष्ट्रपति से सर्च कमेटी के लिए समन्वय नामित प्रो. डीपी सिंह का विरोध शुरू हो गया है। सेवानिवृत्त प्रोफेसर एके श्रीवास्तव का कहना है कि प्रो. सिंह वर्ष 2008 में बीएचयू के कुलपति पद पर रहते हुए इविवि कार्य परिषद के सदस्य भी थे। ऐसे में नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता संभव नहीं होगी।

chat bot
आपका साथी