मानवाधिकार आयोग ने प्रमुख सचिव गृह से मांगी रिपोर्ट

जांच के बाद इंसाफ न मिलने से परेशान होकर डिप्टी रजिस्ट्रार ने इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई है। अब इस मामले में मानवाधिकार आयोग ने प्रमुख सचिव से रिपोर्ट तलब की है।

By Edited By: Publish:Sat, 20 Apr 2019 05:45 PM (IST) Updated:Sat, 20 Apr 2019 05:46 PM (IST)
मानवाधिकार आयोग ने प्रमुख सचिव गृह से मांगी रिपोर्ट
मानवाधिकार आयोग ने प्रमुख सचिव गृह से मांगी रिपोर्ट
प्रयागराज : हाईकोर्ट के डिप्टी रजिस्ट्रार हेम सिंह को प्रताडि़त करने और उनके मामलों में कार्रवाई न होने पर राज्य मानवाधिकार आयोग ने उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह से रिपोर्ट मांगी है। डिप्टी रजिस्ट्रार ने उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी एएल बनर्जी के खिलाफ शिकायतें की थीं। कार्रवाई न होने पर उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की इजाजत मांगी थी। इसी के बाद राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री कार्यालय ने जांच शुरू कराई।

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक पहुंचा मामला
मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक पहुंचा। डिप्टी रजिस्ट्रार हेम सिंह का कहना है कि तमाम अफसरों द्वारा शुरू कराई गई 16 जांच रिपोर्ट को पूर्व डीजीपी ने दबवा दिया। इसी पर उन्होंने इच्छा मृत्यु मांगी थी। हेम सिंह पूर्व डीजीपी एएल बनर्जी के रिश्तेदार हैं। उनका आरोप है कि उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। उनकी हत्या की कोशिश हुई। पुलिस ने हर बार मामले को दबा दिया।

भुक्‍तभोगी ने लगाया आरोप 
उनका आरोप है कि चार मार्च 2018 को अभियुक्तगण अराजक तत्वों के साथ आए और घर में घुसकर असलहा सटाकर गाली गलौज की, धमकी दी। कहा कि पुलिस वालों के खिलाफ बोलते हो, जांच कराते हो। विरोध करने पर मारपीट की, घर में तोड़फोड़ कर जान से मारने की धमकी दी। इस मामले में गवाह सत्यवान, संजय कुमार सिंह, बीएन मिश्र और रोहित सिंह ने बयान देकर घटना को सत्य बताया, इसके बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की बल्कि आरोपितों को क्लीन चिट दे दिया।

जांच शुरू कराई गई
इंसाफ न मिलने का आरोप लगाते हुए डिप्टी रजिस्ट्रार ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी। मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और राज्य मानवाधिकार आयोग ने जांच शुरू कराई। अब इस मामले पर प्रमुख सचिव गृह से चार हफ्ते में जवाब मांगा गया है।
chat bot
आपका साथी