गूगल-पे से जुड़े खातों से शातिर उड़ा रहे रकम Prayagraj News
शातिर गूगल पे अकाउंट से जुड़े खातों से रकम उड़ा रहे हैं। लोग रकम खाते से जाने के बाद हाथ मलते रह जाते हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। हाईटेक शातिर पहले बैंक अफसर बनकर एकाउंट की जानकारी लेने के बाद लाखों रुपये उड़ा देते थे। अब गूगल-पे से एड एकाउंट की जानकारी लेकर ऑन लाइन खरीदारी फिर रकम ट्रांसफर कर ले रहे हैं।
गूगल-पे से एड कई खातों से जालसाजी का मामला सामने आया है। शहर के जार्जटाउन इलाके में रहने वाले धनंजय सिंह के खाते से शातिरों ने 24 हजार रुपये उड़ा दिए। उनका एकाउंट गूगल-पे से ऐड था। धनंजय बीएड की फीस जमा कर रहे थे तभी गूगल-पे के कस्टमर केयर नंबर से फोन आया। उन्हें बताया गया कि एप को सही करने के लिए प्रक्रिया चल रही है। झांसे में आकर उन्होंने एकाउंट के विषय में जानकारी दे दी तो शातिरों ने खाता खाली कर दिया। जार्जटाउन पुलिस मुकदमा दर्ज कर जांच कर रही है।
ऐसे कई और मामले भी सामने आए हैं जब बदमाशों ने बैंक अफसर बनकर या फिर ऑन लाइन बैकिंग की प्रक्रिया समझाने के दौरान खाते की जानकारी लेकर रातों रात लाखों रुपये की खरीदारी कर डाली। प्रयागराज में खाते से रुपये उड़ाने के दर्जनों मामलों की जांच चल रही है। हालांकि मामले आइटी सेल को ट्रांसफर हो गए लेकिन जांच किसी सिरे नहीं लगी। अब तक बदमाश पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सके।
होशियार रहें इन दिनों साइबर शातिर फ्राड के नए नए तरीके निकाल रहे हैं। वेब साइट से ग्राहकों को गुमराह करके व फर्जी ऑफर का लालच देकर ठगी का खेल चल रहा है। ऑनलाइन ट्राजेक्शन में एहतियात न बरतने पर एकाउंट से खरीदारी कर ली जा रही है। ऐसे में जानकारों का कहना है कि इस प्रकार के साइबर फ्राड से बचें। ऑनलाइन ट्राजेक्शन दूसरे के सामने न करें। अपनी ओटीपी या पिन नंबर किसी भी दशा में किसी के साथ शेयर न करें।
गूगल-पे से एड कई खातों से जालसाजी का मामला सामने आया है। शहर के जार्जटाउन इलाके में रहने वाले धनंजय सिंह के खाते से शातिरों ने 24 हजार रुपये उड़ा दिए। उनका एकाउंट गूगल-पे से ऐड था। धनंजय बीएड की फीस जमा कर रहे थे तभी गूगल-पे के कस्टमर केयर नंबर से फोन आया। उन्हें बताया गया कि एप को सही करने के लिए प्रक्रिया चल रही है। झांसे में आकर उन्होंने एकाउंट के विषय में जानकारी दे दी तो शातिरों ने खाता खाली कर दिया। जार्जटाउन पुलिस मुकदमा दर्ज कर जांच कर रही है।
ऐसे कई और मामले भी सामने आए हैं जब बदमाशों ने बैंक अफसर बनकर या फिर ऑन लाइन बैकिंग की प्रक्रिया समझाने के दौरान खाते की जानकारी लेकर रातों रात लाखों रुपये की खरीदारी कर डाली। प्रयागराज में खाते से रुपये उड़ाने के दर्जनों मामलों की जांच चल रही है। हालांकि मामले आइटी सेल को ट्रांसफर हो गए लेकिन जांच किसी सिरे नहीं लगी। अब तक बदमाश पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सके।
होशियार रहें इन दिनों साइबर शातिर फ्राड के नए नए तरीके निकाल रहे हैं। वेब साइट से ग्राहकों को गुमराह करके व फर्जी ऑफर का लालच देकर ठगी का खेल चल रहा है। ऑनलाइन ट्राजेक्शन में एहतियात न बरतने पर एकाउंट से खरीदारी कर ली जा रही है। ऐसे में जानकारों का कहना है कि इस प्रकार के साइबर फ्राड से बचें। ऑनलाइन ट्राजेक्शन दूसरे के सामने न करें। अपनी ओटीपी या पिन नंबर किसी भी दशा में किसी के साथ शेयर न करें।