Kumbh mela 2019 : थाईलैंड की रामलीला ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया

कुंभ मेला 2019 में प्रयागराज में आस्‍था के साथ ही सांस्‍कृतिक झलक भी देखने को मिल रही है। सांस्‍कृतिक मंच पर थाईलैंड के कलाकारों द्वारा रामलीला की प्रस्‍तुति से श्रद्धालुओं का मन मोह लिया।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Sun, 20 Jan 2019 07:29 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jan 2019 07:29 PM (IST)
Kumbh mela 2019 : थाईलैंड की रामलीला ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया
Kumbh mela 2019 : थाईलैंड की रामलीला ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया

कुंभनगर : कुंभ मेला क्षेत्र में देश-विदेश से आए कलाकार आकर्षण का केंद्र बने हैं। यहां चल रही सांस्कृतिक गतिविधयां न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि संपूर्ण भारत की कला प्रस्तुतियों की वाहक बनीं हैं। कलाकारों की प्रस्तुतियां कुंभ के अभूतपूर्व रूप की गरिमा को भी अपने में समेटे हैं।

कुमुद के शास्‍त्रीय गायन ने मन मोहा

मेला क्षेत्र के सेक्टर चार स्थित अक्षयवट मंच पर दिल्ली के कलाकार कुमुद दीवान द्वारा उपशास्त्रीय गायन प्रस्तुत किया गया। इसी मंच पर दिल्ली के श्रीराम भारती कला मंच द्वारा रामलीला का मंचन किया गया। भारी संख्या में दर्शकों की उपस्थिति ने कलाकारों की प्रस्तुतियों को पूर्ण समर्थन प्रदान किया। सेक्टर छह स्थित ऋषि भारद्वाज मंच पर दर्शक लोकनृत्य के साक्षी बने।

राउतनाचा, करमा व सुगा नृत्‍य की आकर्षक प्रस्‍तुति

छत्तीसगढ़ से आईं लोक कलाकार उर्वशी साहू ने राउतनाचा, करमा और सुगा नृत्य प्रस्तुत किया। जगदलपुर से आए बस्तर बैंड ने तो धूम मचा दी। उनके द्वारा आदिवासी रंग नामक सांगीतिक प्रस्तुति मंचित की गई। इसके बाद लखनऊ के लोक गायक सुरेश कुशवाहा ने भोजपुरी लोकगीत प्रस्तुत किया। जौनपुर की पारुल नंदा ने प्रदेश के लोकप्रिय लोकगीत की प्रस्तुति दी।

रामलीला ने मोहा मन

इस मंच पर सबसे विशेष आकर्षण रही थाईलैंड की रामलीला। इसका मंचन थाईलैंड सरकार के संस्कृति विभाग के सौजन्य से हुआ। सेक्टर 17 के यमुना मंच पर हरियाणा के लोक कलाकार मनोज जाले द्वारा तीन प्रस्तुतियां दी गईं। उन्होंने हरियाणवी लोकनृत्य प्रस्तुत किया। पटना के कलाकार अभय सिन्हा द्वारा बिहार के लोकनृत्य की दो प्रस्तुतियां दी गईं। सूफी गायन इस मंच पर विशेष आकर्षण रहा जिसका गायन गुलबादी सिस्टर्स ने किया।

मंच पर उड़ीसा के कलाकारों का प्रदर्शन

सेक्टर 13 स्थित सरस्वती मंच पर उड़ीसा की कलाकार डॉ.स्नेहा समर्थ राय ने गोटिपुआ नृत्य प्रस्तुत किया। उन्नाव के लोकगायक लखन तिवारी के आल्हा गायन ने तो मानो मंच पर अलख जगा दी। मध्य प्रदेश के सागर से आईं लोकगायिका निशा तिवारी ने नौरता बधाई प्रस्तुत की। प्रयागराज की गायिका आइना बोस के भजनों ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया। अंतरराष्ट्रीय दर्शकों के लिए विशेष आकर्षण रहा इंडिजिनस नोशन एंड डिस्कवरी ऑफ इनहेरिटेड आर्ट जिसे पटना और लखनऊ के कलाकारों द्वारा सम्मिलित रूप से मंचित किया गया। लखनऊ के ही कलाकारों ने धर्मश्री नामक एक नाटक का मंचन भी किया।

त्रिवेणी मंच पर बही शास्‍त्रीय गायन की रसगंगा

इन मंचों में जो मंच शास्त्रीय संगीत की लय-ताल में झूमने को विवश हुआ वह था सेक्टर चार का त्रिवेणी मंच, जहां दर्शकों को मोहन वीणा के मास्टर पद्मभूषण पंडित विश्वमोहन भट्ट की सांगीतिक प्रस्तुति का लोगों ने आनंद लिया। पंडित रघुनंदन पनशिकर के शास्त्रीय गायन ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसी मंच पर स्पीक मैके के द्वारा अनहद नाद नामक सांगीतिक प्रस्तुति भी दी गई।

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