Coronavirus Prayagraj News : आक्सीजन लाइफ सपोर्ट के लिए है, इलाज तो दवाओं से ही होता है

Coronavirus Prayagraj News कोरोना मरीज के इलाज की बात आक्सीजन से पीछे है। आक्सीजन वास्तविक रूप से किसे चाहिए और कितना दैनिक जागरण से हुई बातचीत में यह बता रहे हैं मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के एसोसिएट प्रोफेसर फिजिशियन डा. अजीत चौरसिया।

By Rajneesh MishraEdited By: Publish:Wed, 05 May 2021 06:10 AM (IST) Updated:Wed, 05 May 2021 06:10 AM (IST)
Coronavirus Prayagraj News : आक्सीजन लाइफ सपोर्ट के लिए है, इलाज तो दवाओं से ही होता है
मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के एसोसिएट प्रोफेसर फिजिशियन डा. अजीत चौरसिया।

प्रयागराज,जेएनएन। कोविड संक्रमण इंसानों पर बड़ा संकट बनकर आया तो आक्सीजन का मोल बढ़ गया है। आक्सीजन के लिए लोगों को अस्पतालों में बेड चाहिए, सबकी इच्छा है कि आक्सीजन के लिए किसी तरह से एक सिलेंडर मिल जाए। लेकिन, कोरोना मरीज के इलाज की बात आक्सीजन से पीछे है। आक्सीजन वास्तविक रूप से किसे चाहिए और कितना, दैनिक जागरण से हुई बातचीत में यह बता रहे हैं मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के एसोसिएट प्रोफेसर फिजिशियन डा. अजीत चौरसिया।

सवाल : क्या कोरोना संक्रमित को स्वस्थ करने के लिए आक्सीजन ही इलाज है।

जवाब : आक्सीजन के लिए यह समझना होगा कि इसकी वास्तविक जरूरत किसे है। अगर हम कोविड संक्रमण की बात करें तो इसे तीन हिस्सों में बांटा गया है। माइल्ड यानी मामूली, मॉडरेट यानी गंभीर और सीवियर यानी अति गंभीर स्तर। इसमें मॉडरेट और सीवियर मरीज को ही आक्सीजन की जरूरत पड़ती है लेकिन यह केवल सपोर्ट के लिए है। मरीज का इलाज तो दवाओं से ही होता है।

सवाल : इस बात को कैसे समझें कि आक्सीजन की जरूरत किसे और कब पड़ती है।

जवाब : आक्सीजन सेचुरेशन से या सीटी स्कैन से पता लगाते हैं कि मरीज को आक्सीजन की जरूरत है या नहीं। है भी तो कितनी। आक्सीजन सेचुरेशन 94 फीसद या इससे अधिक है तो वह माइल्ड डिजीज में आता है। ऐसे लोगों को आक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ती। 94 से नीचे 89 तक मॉडरेट स्तर और 89 से कम सीवियर डिजीज मानी जाती है। इन दोनों ही परिस्थिति में आक्सीजन की जरूरत पड़ती है।

प्रश्न : क्या देखने में आ रहा है, माइल्ड यानी मामूली रूप से बीमार कितने फीसद लोग मिल रहे हैं जो आसानी से स्वस्थ हो रहे हैं।

जवाब : आजकल 100 में से 90 फीसद लोग माइल्ड डिजीज वाले मिल रहे हैं। इन 90 फीसद में भी 85 से 90 फीसद कोविड संक्रमितों को आक्सीजन की जरूरत बिल्कुल नहीं है। ऐसे लोगों को सामान्य रूप सर्दी, जुखाम, बुखार होकर चार छह दिनों में ठीक हो जा रहा है।

प्रश्न : सीटी स्कोर से मर्ज को समझने की क्या प्रक्रिया है। लोग खुद कैसे जान सकते हैं कि इससे उन्हें आक्सीजन की जरूरत है या नहीं।

जवाब : सीटी स्कैन में संक्रमण की गंभीरता को जानने के लिए फेफड़े को लैब ग्राउंड पर पांच हिस्सों में बांटकर देखा जाता है। यदि सीटी सीवियरिटी स्कोर 10 से कम है तो यह माइल्ड डिजीज में आता है। ऐसे लोगों को आमतौर पर आक्सीजन की जरूरत नहीं पड़ती। 10 से 16, 17 या 18 तक सीटी स्कोर है तो मॉडरेट है इसमें आक्सीजन की जरूरत पड़ती है और इससे भी ज्यादा है या अधिकतम 25 तक सीटी सीवियरिटी स्कोर है तो आक्सीजन बेहद जरूरी है।

प्रश्न : अब तो सभी संक्रमित यह सोच रहे हैं कि उन्हें आक्सीजन की जरूरत पड़ेगी।

जवाब : अमूमन देखने में आ रहा है कि केवल 10 फीसद लोगों को ही आक्सीजन की जरूरत वास्तविक रूप से पड़ रही है। आक्सीजन भी यदि होम आइसोलेशन में लगा रहे हैं तो पहले रेग्युलेटर से दो लीटर पर चलाएं। यदि मरीज को उससे आक्सीजन ठीक मिल रही है तो उतने पर ही रखें। सांस लेने में दिक्कत हो रही है तो पांच लीटर तक ले जाएं।

chat bot
आपका साथी