भाजपा महानगर अध्यक्ष गणेश केसरवानी बोले- पश्चिम बंगाल के चुनाव को लेकर विपक्ष फिर ईवीएम का राग अलाप रहा

पश्चिम बंगाल के चुनाव में जनता अपने वोट से जवाब दे रही है। यही वजह है कि सरकारी तंत्र का प्रयोग करके भी तृणमूल सरकार के लोग ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगा रहे हैं। इस बार सत्ता परिवर्तन तय है। आम जनता ने खेला कर दिया है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Publish:Mon, 29 Mar 2021 07:57 AM (IST) Updated:Mon, 29 Mar 2021 07:57 AM (IST)
भाजपा महानगर अध्यक्ष गणेश केसरवानी बोले- पश्चिम बंगाल के चुनाव को लेकर विपक्ष फिर ईवीएम का राग अलाप रहा
पश्चिम बंगाल में चुनाव में ईवीएम का विरोध शुरू हो गया है। प्रयागराज भाजपा महानगर अध्‍यक्ष ने विरोध जताया है।

प्रयागराज, जेएनएन। पश्चिम बंगाल के चुनाव को लेकर विपक्ष ने फिर ईवीएम का राग अलापना शुरू कर दिया है। जब भाजपा जीतती है तो विपक्ष इवीएम पर ठीकरा फोड़ता है। जब भजपा हारती है तो कोई कुछ नहीं बोलता। अपने दोहरे मानदंड की वजह से ही विपक्ष जनता का भरोसा खो चुका है। यह कहना है भाजपा महानगर अध्यक्ष गणेश केसरवानी का।

पश्चिम बंगाल में सत्‍ता परिवर्तन तय है : भाजपा महानगर अध्‍यक्ष

भाजपा महानगर अध्यक्ष गणेश केसरवानी ने दावा किया कि भाजपा पश्चिम बंगाल में जीत रही है। इस बार सत्ता परिवर्तन तय है। आम जनता ने खेला कर दिया है। अभी तो पहले चरण का मतदान हुआ है। आगे खेला का सिलसिला जारी रहेगा। वहां की वर्तमान सरकार से आम लोग प्रताडि़त हैं। विपक्ष के लोगों की हत्या तक कराई जा रही है। एक की अब तक सौ से ज्यादा भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या हो चुकी है। आखिर यह कौन सा लोकतंत्र है जिससे तृणमूल सरकार कायम किए है। विपक्ष के लोगों की आवाज ही नहीं गला घोंटा जा रहा है। नृशंस हत्याएं हो रही हैं। इन सब को लेकर कभी भी प्रदेश सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया। अब जनता जवाब दे रही है अपने वोट से। यही वजह है कि सरकारी तंत्र का प्रयोग कर के भी तृणमूल सरकार के लोग ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगा रहे हैं।

भाजपा के विरोध में 'जन विरोधी' हो गया है विपक्ष

यमुनापार जिलाध्यक्ष विभवनाथ भारती का कहना है कि तृणमूल सरकार पश्चिम बंगाल में जाने वाली है। वहां लोगों ने बदलाव का मन बना लिया है। दुख इस बात का है कि वर्तमान केंद्र सरकार के विरोध में विपक्ष ने जनता की भावना का भी सम्मान करना छोड़ दिया है। इसके लिए वह हर तरह के हथकंडे अपना रहे हैं। बाद में लोकतंत्र की भी दुहाई दी जाती है।

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