इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गाजियाबाद भोवापुर बस्ती के ध्वस्तीकरण पर लगाई रोक

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गाजियाबाद के कौशांबी में रैडीसन ब्लू होटल के पीछे भोवापुर श्रमिक बस्ती के ध्वस्तीकरण पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। साथ ही गाजियाबाद विकास प्राधिकरण से इनके पूर्ण पुनर्वास योजना के साथ जवाबी हलफनामा मांगा है।

By Umesh TiwariEdited By: Publish:Wed, 21 Oct 2020 11:16 PM (IST) Updated:Wed, 21 Oct 2020 11:16 PM (IST)
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गाजियाबाद भोवापुर बस्ती के ध्वस्तीकरण पर लगाई रोक
हाई कोर्ट ने गाजियाबाद के रैडीसन ब्लू होटल के पीछे भोवापुर श्रमिक बस्ती के ध्वस्तीकरण पर रोक लगा दी है।

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गाजियाबाद के कौशांबी में रैडीसन ब्लू होटल के पीछे भोवापुर श्रमिक बस्ती के ध्वस्तीकरण पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है। साथ ही गाजियाबाद विकास प्राधिकरण से इनके पूर्ण पुनर्वास योजना के साथ जवाबी हलफनामा मांगा है। अगली सुनवाई 18 नवंबर को होगी।

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविंद माथुर व न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा की पीठ ने देव पाल की जनहित याचिका पर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि विश्व में कोरोना महामारी फैली है। ऐसे में सभी खासकर कमजोर वर्ग के लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। जिन लोगों के आवास ध्वस्त किये गये हैं, जिला प्रशासन उनके लिए अस्थायी आवास का इंतजाम करे।

कोर्ट ने कहा है कि गाजियाबाद विकास प्राधिकरण भोवापुर बस्ती के लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पुनर्वास योजना पर विचार करे, तब तक बस्ती के लोगों को मूलभूत सुविधाएं बिजली, पानी, चिकित्सा आदि मुहैया कराया जाए। विकास प्राधिकरण के गठन के समय 1990 से रोजगार के लिए आए देश के विभिन्न हिस्सों के श्रमिकों ने बस्ती बना ली। उनके पुनर्वास की व्यवस्था के बिना ध्वस्तीकरण किया जा रहा है। 150 आवास ध्वस्त किये जा चुके हैं।

जीडीए का कहना है कि बस्ती अवैध है। हाई कोर्ट ने ही सालिड बेस्ट डिस्पोजल यूनिट स्थापित के लिए कार्रवाई का निर्देश दिया है। इसके तहत ध्वस्तीकरण किया जा रहा है। कोर्ट ने कहा कि बिना वैकल्पिक व्यवस्था बेदखल करना सही नहीं है। कोर्ट ने प्राधिकरण से पूरी योजना तैयार कर दाखिल करने का निर्देश दिया है।

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