इस बार 15 घंटे से ज्यादा लंबा होगा रोजा

जासं, इलाहाबाद : रमजान इस साल मोमिनों के सब्र का पूरा इम्तिहान लेगा। इस बार रमजान में रोजे की अवधि 1

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 May 2017 01:00 AM (IST) Updated:Tue, 23 May 2017 01:00 AM (IST)
इस बार 15 घंटे से ज्यादा लंबा होगा रोजा
इस बार 15 घंटे से ज्यादा लंबा होगा रोजा

जासं, इलाहाबाद : रमजान इस साल मोमिनों के सब्र का पूरा इम्तिहान लेगा। इस बार रमजान में रोजे की अवधि 15 घटों से अधिक होगी। पहला रोजा सुबह 3:35 मिनट से शुरू होकर शाम 6:52 मिनट पर खत्म होगा। पहला रोजा ही 15 घंटे और 17 मिनट लंबा होगा। अंतिम रोजा 15 घंटे और 30 मिनट का होगा।

शुरुआत में 15 रोजों में रोजेदारों को शिद्दत की गर्मी के साथ भूख और प्यास को बर्दाश्त करना होगा। इसके बाद प्री मानसून की बारिश चिलचिलाती धूप, उमस भरी गर्मी रोजेदारों को बीच-बीच में राहत दिलाती रहेगी। खानकाह हलीमिया के सज्जाद नशीन डॉ. शमीम अहमद गौहर ने बताया कि चांद के ऐतबार से इस बार 27 या 28 मई से रमजान का महीना शुरू होगा। 29 के ऐतबार से अगर चांद 26 मई को दिखता है तो पहला रोजा शनिवार 27 मई को रहेगा। तीस का चांद दिखा तो रोजा 28 से शुरू होगा। अकबरपुर में नूरी मस्जिद के मौलाना मो. असलम मिस्बाही कहते हैं कि रोजा ऐसी इबादत है तो बंदा खास अपने रब की मर्जी के लिए करता है। इसका बदला अल्लाह पाक अपने बंदों को देंगे। रोजा इस्लाम के पांच अहम अरकानों में एक है। लंबी अवधि का रोजा मुसलमानों में नेकी में इजाफा करेगा। रोजे में रोजेदार अपना ज्यादातर वक्त नमाज पढ़ने, कुरान की तिलावत और अल्लाह का जिक्र करने में गुजारें, वक्त का पता ही नहीं चलेगा। भूख और प्यास का एहसास भी नहीं होगा।

चांद दिखते ही शुरू होगा तरावीह का सिलसिला

रमजान का चांद दिखते ही मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में विशेष नमाज तरावीह का दौर शुरू हो जाएगा। रात में इशा की नमाज के बाद जामा मस्जिद सहित शहर की छोटी बड़ी इबादतगाहों में खास इबादत का दौर शुरू हो जाएगा। लोग तीन से 27 दिनों की तरावीह में मसरूफ हो जाएंगे।

गुलजार हुए बाजार

मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में रमजान की तैयारियों में तेजी देखी जा सकती है। लोग अपनी जरूरत के मुताबिक सहर और इफ्तार के सामानों की खरीदारी में लगे हुए हैं। चौक, नूरउल्लारोड, बख्शीबाजार, अकबरपुर, दरियाबाद, रानीमंडी और नखास कोहना में खरीदारों की भीड़ देखी जा सकती है। लोग किस्म किस्म के खजूरों की खरीदारी में लगे हुए हैं।

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