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    प्रयागराज में सेंट पीटर चर्च की 150वीं वर्षगांठ, केक काटकर मनाई खुशियां और किया बाइबल पाठ

    By Ankur TripathiEdited By:
    Updated: Tue, 17 May 2022 09:08 PM (IST)

    चर्च के पादरी प्रवीन मैसी ने बताया कि 1858 में आगरा और सिकंदराबाद से काफी संख्या में मसीही समुदाय के लोग प्रयागराज आकर म्योराबाद में शरण लिया था। चर्च को बनाने के लिए 20114 हजार रुपये चंदा एकत्रित किया। चर्च की बनावट शैली क्रूस की आकृति पर आधारित है।

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    शहर में म्योराबाद स्थित सेंट पीटर चर्च 150 वर्ष का हो गया।

    प्रयागराज, जागरण संवाददाता। शहर में म्योराबाद स्थित सेंट पीटर चर्च 150 वर्ष का हो गया। इस उपलब्धि पर चर्च में उत्सव मनाया गया। बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक उत्सवा का हिस्सा बने। तीन दिवसीय उत्सव के अंतिम दिन मंगलवार को केक काटकर खुशियां मनाई गई। डायसिस आफ लखनऊ के बिशप डा. पीटर बलदेव ने केक काटकर बाइबिल का पाठ कराते हुए जनकल्याण की कामना किया। उन्होंने कहा कि प्रभु यीशु ने प्रेम व भाईचारा का जो संदेश दिया था उसे सेंट पीटर चर्च के जरिए जन-जन तक पहुंचाया जा रहा है।

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    चर्च की बनावट शैली प्रभु यीशु के क्रूस की आकृति पर आधारित

    डायोसिस के सचिव व चर्च के पादरी प्रवीन मैसी ने बताया कि 1858 में आगरा और सिकंदराबाद से काफी संख्या में मसीही समुदाय के लोग प्रयागराज आकर म्योराबाद में शरण लिया था। चर्च को बनाने के लिए 20,114 हजार रुपये का चंदा एकत्रित किया। चर्च की बनावट शैली प्रभु यीशु के क्रूस की आकृति पर आधारित है।

    लार्ड म्योर ने दान में दी थी 40 एकड़ जमीन

    म्योराबाद में सेंट पीटर चर्च बनाने के लिए लार्ड मेयर ने 40 एकड़ जमीन दान दी थी। इसके बाद 17 मई 1872 को तत्कालीन लेफ्टीनेंट गवर्नर लार्ड विलियम म्योर ने म्योराबाद चर्च की नींव रखी। चर्च का निर्माण कोलकाता के तत्कालीन बिशप मीलमेन के मार्गदर्शन में किया गया। 12 मार्च 1875 में यह चर्च आराधना के लिए पहली बार खुला। चर्च के प्रथम पादरी डेविड मोहन थे। बाद में मोहल्ले का नाम म्योराबाद पड़ गया। चर्च में वर्तमान समय लगभग छह सौ से अधिक सदस्य हैं।