एसटीएफ और खुफिया तंत्र की मिलकर रोकेंगे परीक्षाओं में नकल : डॉ. दिनेश
उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े बोर्ड उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने नकल माफिया की कमर तोड़ दी है।
अलीगढ़ (जेएनएन)। उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े बोर्ड उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने नकल माफिया की कमर तोड़ दी है। प्रदेश में पिछले साल पंजीकृत परीक्षार्थियों की संख्या 67 लाख से घटकर 57 लाख रह गई है। 14 हजार परीक्षा केंद्रों में आठ हजार रह गए हैं। नकलविहीन परीक्षा के लिए एसटीएफ व खुफिया तंत्र की मदद ली जा रही है। कॉपियों की कोडिंग के साथ पेपर के कई सेट तैयार किए जाएंगे। संयुक्त सचिव, निदेशक, सचिव व प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारियों की कमेटी बनाई गई है। विद्यालय के प्रबंधक को परीक्षा केंद्र से दूर रखा जाएगा।
संवेदनशील परीक्षा केंद्रों पर नजर
शनिवार को यहां सर्किट हाउस में माध्यमिक शिक्षा, प्रशासनिक व पुलिस अफसरों के साथ समीक्षा बैठक के बाद पत्रकारों से कहा कि संवेदनशील व अति संवेदनशील परीक्षा केंद्रों पर नजर रखी जाएगी। नकल मिलने पर डीएम की कमेटी वाली टीम जिम्मेदार होंगी। सीसीटीवी कैमरे की मदद से हर कक्ष पर कंट्रोल रूम नजर रखेगा। केंद्रों की दूरी डीएम व डीआइओएस मिलकर तय करेंगे। उन्होंने कहा कि जिन कॉलेजों में पढ़ाई के स्थान पर भैंस बंधती थीं, अब वहां शैक्षिक पंचाग से पढ़ाई होगी। पाठ्यक्रम में एनसीईआरटी की पुस्तकें लगाई जा रही हैं। विद्यालयों में शिक्षकों की कमी नहीं होने दी जाएगी।
रामजी चाहेंगे तो बनेगा मंदिर
अयोध्या में राम मंदिर कब बनेगा? इस पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जब रामजी चाहेंगे तब। डॉ. शर्मा ने भाजपा की चुनाव संचालन समिति की बैठक को भी संबोधित किया। तीन लोकसभा क्षेत्र के चुनाव संचालन समिति के पदाधिकारियों के साथ उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधि मतभेद भुलाकर कमल के फूल को जिताएं।
नकल पर बन रही फिल्म
यूपी बोर्ड में अतरौलिया जैसे बोर्ड परीक्षा की शुचिता को कलंकित कर चुके हैं। इस पर छींट नाम से इमरान हाशमी फिल्म बना रहे हैं। दरअसल यूपी बोर्ड परीक्षा में नकल माफिया अलीगढ़ जिले में सबसे ज्यादा अतरौली क्षेत्र में ही सक्रिय रहते हैं। जिले में करीब 600 वित्तविहीन कॉलेज हैं, जिसमें से ज्यादातर अतरौली क्षेत्र में हैं। परीक्षा के दौरान जितने परीक्षा केंद्र पूरे जिले में बनते हैं उसमें आधे से ज्यादा अतरौली क्षेत्र में बनते हैं। इसलिए यहां नकल माफिया अपना जाल बिछाते हैं। नकल का नेटवर्क यहां ज्यादा रहता है। सबसे ज्यादा कार्रवाई, कॉलेज डिबार, एफआइआर अतरौली क्षेत्र में ही होती रही हैं। इसलिए अतरौली क्षेत्र का कथित अतरौलिया बोर्ड नकल के लिए पूरे प्रदेश में जाना जाता रहा है।