योगी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट की हकीकत : गोवंश ठंड से लाचार, नहीं मिल पा रहा 'उपचार'Aligarh News

गोवंश का संरक्षण सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है। पशुचिकित्सा विभाग पंचायत राज विभाग व निकायों को व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं लेकिन हालात नहीं सुधर रहे।

By Sandeep SaxenaEdited By: Publish:Sat, 23 Nov 2019 01:50 PM (IST) Updated:Sat, 23 Nov 2019 01:50 PM (IST)
योगी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट की हकीकत : गोवंश ठंड से लाचार, नहीं मिल पा रहा 'उपचार'Aligarh News
योगी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट की हकीकत : गोवंश ठंड से लाचार, नहीं मिल पा रहा 'उपचार'Aligarh News

अलीगढ़ (जेएनएन): गोवंश का संरक्षण सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल है। इसी को लेकर डीएम चंद्रभूषण सिंह भी पिछले दिनों से सख्ती किए हुए हैं। पशुचिकित्सा विभाग, पंचायत राज विभाग व निकायों को व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन हालात नहीं सुधर रहे। खैर में मरी गायों का उदाहरण सामने है। अधिकांश गोशालाओं में ठंड से बचने तक के इंतजाम नहीं हैं। चारा-पानी भी भरपूर नहीं मिल रहा। बीमार गाय का उपचार नहीं हो रहा। इसके चलते गोवंश को दिक्कतें हो रही हैं। दैनिक जागरण की टीम ने जिले की कई गोशालाओं में पड़ताल की तो हर जगह कमियां मिली। पेश है जागरण टीम की रिपोर्ट...

यह है मौजूदा हाल

खुले आसमान में रह रहीं गाय अतरौली क्षेत्र के गांव ककेथल स्थित गोशाला में गोवंशों को ठंड से बचने के कोई उपाय नहीं हैं।  एक गाय की यहां मौत हो गई। 200 से अधिक गोवंश खुले में रह रहे हैं। इससे कई गाय बीमार चल रही हैं। चारा-पानी की जरूर भरपूर व्यवस्था है। ग्राम प्रधान गुड्डी देवी ने बताया कि यहां गोवंश के लिए तिरपाल की मांग के लिए प्रशासन को पत्र भेजा है। इसमें कुछ तिरपाल आ गए हैं। इसी क्षेत्र में शुक्रवार को एसडीएम पंकज कुमार ने गांव नौरथा में गोशाला का निरीक्षण किया। यहां कुल 58 गोवंश मिले। यहां भी ठंड से बचाने को तिरपाल नहीं थे।

सड़कों पर घूम रहे टैगिंग वाले गोवंश

 इगलास क्षेत्र में गोशालाओं का हाल-बेहाल है। क्षमता से अधिक गोवंश भर दिए गए हैं। बजट के अभाव में चारा-पानी की भी व्यवस्था नहीं है। खाने के लिए सिर्फ सूखा भूसा है। बड़ी संख्या में टैगिंग लगे गोवंश भी सड़कों पर घूम रहे हैं। इससे फसलों को नुकसान होता है। शुक्रवार को मोहनपुर स्थित गोशाला में 300 से अधिक गोवंश के लिए सिर्फ सूखा भूसा दिया जा रहा था। पानी के टैंक में काई लगी हुई थी। यहां भी ठंड से बचने के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी। संचालक शिशुपाल ने बताया कि गोशाला का एक माह का खर्चा तीन लाख रु पये है। 30 रु पये प्रति पशु के हिसाब से प्रशासन पैसा ही देता है। खुद ही चारे-पानी की व्यवस्था में जुटे हैं। टिन शेड व लड़ामनी स्वयं बनवाई हैं। अब 25 लाख की लागत से टिन शेड बन रहा है। उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. एके पांडे ने बताया कि केवल भूसा से गाय जिंदा नहीं रखी जा सकतीं। पोषकतत्व भी आवश्यक होते हैं। यह सिर्फ हरे चारे से मिलते हैं। सरकार ने सिर्फ भूसे की व्यवस्था की है।

वीरपुरा गोशाला में भी अव्यवस्थाएं

गभाना क्षेत्र की वीरपुरा गोशाला में भी अव्यवस्थाओं की भरमार है। यहां करीब 194 गोवंश हैं। चारा खुले आसमान के नीचे पड़ा मिला। गोवंश के लिए सिर्फ एक टीन शेड के अलावा कोई व्यवस्था नहीं है। क्षेत्र की अन्य गोशालाओं की भी यही स्थिति है।

मरणासन्न गाय को ले जाने का वीडियो वायरल

डीएम ने सभी एसडीएम को सक्रिय रूप से गोशालाओं का भ्रमण करने के निर्देश दिए हैं। इसी के चलते दूसरे दिन भी एसडीएम कोल ने हरदुआगंज गोशाला का निरीक्षण किया। यहां पर चारा-पानी की उचित व्यवस्था नहीं थी। साफ-सफाई भी अच्छी नहीं थी। एसडीएम की तरफ से ईओ को नोटिस जारी किया गया। अब एसडीएम इसकी पूरी रिपोर्ट डीएम को देंगे। वहीं, एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें कुछ लोग टै्रक्टर से मरणासन्न गाय को ले जाते दिख रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो यहीं का है। कुछ लोगों का कहना है कि गाय मर गई है, इसे दफनाने ले जा रहे हैं। एसडीएम इगलास अंजनी कुमार सिंह ने भी नगला मान सुजान और चिंता की नगरिया गोशाला का निरीक्षण किया। यहां भी अव्यवस्था मिलने पर नाराजगी जताई।

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