World Radio Day : सामाजिक परिवर्तन और शिक्षा के प्रचार-प्रसार का माध्यम रेडिया, ये हैं खासियत Aligarh News

रेडियो का महत्व समझाने के उद्देश्य से वर्ल्ड रेडियो डे मनाया जाता है। रेडियो प्रारंभ से ही सामाजिक परिवर्तन और शिक्षा के प्रचार-प्रसार का माध्यम रहा है। रेडियो को लेकर युनेस्को ने मूल्यांकन नवाचार और संयोजन इन तीन बिंदुओं पर विशेष बल दिया है।

By Sandeep kumar SaxenaEdited By: Publish:Sat, 13 Feb 2021 04:35 PM (IST) Updated:Sat, 13 Feb 2021 04:35 PM (IST)
World Radio Day : सामाजिक परिवर्तन और शिक्षा के प्रचार-प्रसार का माध्यम रेडिया, ये हैं खासियत Aligarh News
रेडियो का महत्व समझाने के उद्देश्य से वर्ल्ड रेडियो डे मनाया जाता है।

अलीगढ़, जेएनएन।  मीडिया और आम जन मानस को रेडियो का महत्व समझाने के उद्देश्य से वर्ल्ड रेडियो डे मनाया जाता है। रेडियो प्रारंभ से ही सामाजिक परिवर्तन और शिक्षा के प्रचार-प्रसार का माध्यम रहा है। रेडियो को लेकर युनेस्को ने मूल्यांकन, नवाचार और संयोजन इन तीन बिंदुओं पर विशेष बल दिया है। इन तीनों बिंदुओं को रेडियो पूर्ण करता है। युनेस्को का मानना है कि रेडियो ही ऐसा जन माध्यम है जिसके द्वारा कोई भी सन्देश असंख्य लोगों तक पहुंचाया जा सकता है। यह बातें विश्व रेडियो दिवस की परिचर्चा के दौरान पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के डीन एन्ड डायरेक्टर प्रो. शिवाजी सरकार ने कहीं। 

जीवन का अहम हिस्सा हुआ करता था रेडियो 

पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की अध्यक्ष मनीषा उपाध्याय ने कहा कि रेडियो जनसंचार का सबसे प्राचीन और प्रमुख माध्यम है। रेडियो हमारे जीवन का काफी अहम हिस्सा हुआ करता था। सूचना, संचार और गीतों के माध्यम से मनोरंजन के अहम माध्यम के तौर पर रेडियो का इस्तेमाल किया जाता था। लेकिन टेलिविजन और मोबाइल जैसी चीजें आने के बाद रेडियो का पहले जैसा इस्तेमाल नहीं हो रहा है। लेकिन अब भी इसका महत्व कम नहीं हुआ है। दुनिया में रेडियो के खोते महत्व को जगाने के लिए युनेस्को ने वर्ष 2011 में प्रत्येक वर्ष 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मानाने का निर्णय लिया था। प्रवक्ता मयंक जैन ने कहा कि रेडियो संचार का ऐसा माध्यम है जिसके माध्यम से जानकारियां, शिक्षा, समाचार आदि तो प्राप्त हमें होती ही है और साथ ही घर बैठे अनेक तरह से हमारा मनोरंजन भी होता है। छात्रों को प्रशिक्षण देते हुए "रेडियो नारद" के आरजे कुंदन शर्मा ने बताया कि रेडियो केवल समाचारों के संचार तक ही सीमित नहीं है। बच्चों में रेडियो के प्रति रूचि बढ़े इसके लिए बच्चों को आरजे बनने का मौका दिया गया। इस अवसर पर छात्र प्रशांत कुमार, आशी चौधरी, ज्योति गौतम, आर्यन शर्मा, कौशिकी चौहान, रघुराज आदि मौजूद थे।

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