अलीगढ़ में चरमराईं स्वास्थ्य सेवाएं, नहीं मिल पा रहा इलाज

हर दिन दर्जनों ऐसे मरीज निकलकर सामने आ रहे हैं जिन्हें इलाज नहीं मिल पा रहा है। सरकारी अस्पताल जहां फुल होने की बात कहकर लौटा देते हैं निजी अस्पताल आक्सीजन न होने की बात कहते हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 26 Apr 2021 10:35 PM (IST) Updated:Mon, 26 Apr 2021 10:35 PM (IST)
अलीगढ़ में चरमराईं स्वास्थ्य सेवाएं, नहीं मिल पा रहा इलाज
अलीगढ़ में चरमराईं स्वास्थ्य सेवाएं, नहीं मिल पा रहा इलाज

केस-1: आइटीआइ रोड स्थित हरविलास नगर निवासी मानव उपकार संस्था के अध्यक्ष की 70 वर्षीय बुआ की सोमवार को अचानक तबीयत बिगड़ गई। स्वजन निजी अस्पताल ले गए। यहां आक्सीजन लेवल की जांच की गई तो काफी कम था। चिकित्सक ने दीनदयाल अस्पताल ले जाने की सलाह दी। स्वजन दीनदयाल लेकर पहुंचे, यहां इन्हें भर्ती नहीं किया गया। स्वजन जिला अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां पहुंचते-पहुंचते दम तोड़ दिया।

केस-2 : महेंद्र नगर निवासी 37 वर्षीय मरीज की सोमवार सुबह तबीयत बिगड़नी शुरू हुई। स्वजन इन्हें लेकर मेडिकल कालेज पहुंचे, यहां इलाज करने सेमना कर दिया गया। स्वास्थ्य विभाग के उच्च अफसरों तक जुगाड़ लगवाई गई, लेकिन सभी ने हाथ खड़े कर दिए। इसके बाद वह जिला अस्पताल पहुंचे। यहां भी जांच पड़ताल के बाद मरीज को लौटा दिया गया। देर रात तक मरीज को भर्ती कराने के लिए स्वजन जिद्दोजहद कर रहे हैं।

जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : हर दिन दर्जनों ऐसे मरीज निकलकर सामने आ रहे हैं, जिन्हें इलाज नहीं मिल पा रहा है। सरकारी अस्पताल जहां फुल होने की बात कहकर लौटा देते हैं, निजी अस्पताल आक्सीजन न होने की बात कहते हैं। जिले की स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह चरमरा गई हैं। प्रशासन बेड के इंतजाम भी नहीं कर पा रहा है। आक्सीजन की आपूर्ति भी बाधित है।

प्रशासन व सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए तमाम दावे करते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत अलग है। मरीजों को सुविधाएं मिलना तो दूर, इलाज नहीं मिल रहा है। हर रोज बिना इलाज के मरीजों की मौत हो रही हैं।

आक्सीजन की आपूर्ति रुकने से मौत : जिला अस्पताल में तकनीकी खामी के चलते अचानक आक्सीजन की आपूर्ति रुक गई। इससे सीएमओ कार्यालय में तैनात बाबू के भतीजे की मौत हो गई।

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मैं सुबह से शाम तक नुमाइश मैदान स्थित शमशानगृह में संक्रमितों का दाह संस्कार कराता हूं, लेकिन सोमवार को मेरी बुआ की तबीयत खराब हुई तो मैं उन्हें इलाज तक नहीं दिला पाया। पूरे शहर के किसी भी अस्पताल में इलाज नहीं मिला। कभी दीनदयाल भेजा गया तो कभी जिला अस्पताल, कहीं भी इलाज शुरू नहीं हो सका। प्रशासनिक अफसरों ने भी मदद नहीं की। कंट्रोल रूम से भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इलाज न मिलने से बुआ का निधन हो गया।

विष्णु कुमार बंटी, अध्यक्ष, मानव उपकार संस्था

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