निशुल्क दाखिले पर नहीं वसूल सकेंगे फीस

गरीब और असहाय परिवारों के लिए अच्छी खबर है। फ्री प्रवेश वाले बच्चों से फीस ही नहीं, अन्य किसी तरह का कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 26 Apr 2018 05:00 PM (IST) Updated:Thu, 26 Apr 2018 05:00 PM (IST)
निशुल्क दाखिले पर नहीं वसूल सकेंगे फीस
निशुल्क दाखिले पर नहीं वसूल सकेंगे फीस

अलीगढ़ : गरीब और असहाय परिवार के बच्चों को सीबीएसइ और कान्वेट स्कूलों में एक व प्री-प्राइमरी कक्षाओं में निश्शुल्क दाखिला दिए जाने का रास्ता साफ हो गया है। हाथरस में प्रशासनिक व शिक्षा विभाग के अफसरों की पहल पर अब प्रथम चरण में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत दाखिले बच्चों को दिलाए जाने हैं। 744 बच्चों को 101 विद्यालयों में आवटित कर दिया गया है। संबंधित स्कूलों को प्रवेश दिलाने वाले बच्चों की सूची भी बीएसए रेखा सुमन के द्वारा उपलब्ध करा दी गई है।

पिछले साल से शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत सीबीएसई व कान्वेट स्कूलों में कक्षा एक व प्री-प्राइमरी कक्षाओं में 25 प्रतिशत सीट आरक्षित रखने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन सिर्फ 41 बच्चों के दाखिले ही गत साल हो सके थे। जिस पर प्रशासनिक अधिकारियों ने नाराजगी जाहिर की थी। इस साल इस योजना का व्यापक प्रचार प्रसार बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा कराया गया। इसका नतीजा यह हुआ कि प्रथम चरण के लिए 1229 आवेदन आए थे, जिनका परीक्षण कराने के बाद फीडिंग कराई गई। जाच के दौरान 529 आवेदन निरस्त हो गए। सही आवेदनों को बीएसए रेखा सुमन ने अनुमोदन के लिए जिलाधिकारी कार्यालय भेजा है। अनुमोदन के बाद अब 744 पात्र गरीब बच्चों को दाखिले दिए जाएंगे। 101 विद्यालयों में इन 744 बच्चों को दाखिले दिए जाएंगे। बीएसए रेखा सुमन ने संबंधित विद्यालयों को पात्र बच्चों की सूची भेज दी है। सीबीएसई व कान्वेट स्कूलों में बिल्डिंग फीस के अलावा सास्कृतिक कार्यक्रम, खेल गतविधि सहित कई अन्य फीस ली जाती है। जिस कारण गरीब व असहाय परिवार के लोग अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा नहीं दिला पाते, लेकिन निशुल्क दाखिले वाले बच्चों से किसी भी प्रकार की शुल्क विद्यालय संचालक नहीं वसूल सकेंगे। बीएसए ने स्पष्ट निर्देश दिए है कि यदि आरटीइ के तहत होने वाले दाखिलों में किसी भी प्रकार की फीस वसूली गई तो संबंधित विद्यालय के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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