Aligarh News : निशानेबाज के भविष्य में बाधा बन रही शस्त्र लाइसेंस प्रक्रिया, किराए की पिस्टल से चल रहा काम
Aligarh News शस्त्र लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया इतनी जटिल है कि निशानेबाज का भविष्य अधर में ही लटका रह जा रहा है। बहुत से ऐसे निशानेबाज हैं जो किराये के शस्त्र को लेकर निशानेबाजी कर रहे हैं। अलीगढ़ के कुनाल सैनी के साथ भी ऐसा ही हो रहा है।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। Aligarh News : निशानेबाज किराये की पिस्टल लेकर पदक जीतने का प्रयास करते हैं। उनमें इतनी प्रतिभा है कि अपनी पिस्टल न होने के बावजूद पदक जीतते हैं। अपनी पिस्टल पर हाथ सध जाए तो देश का नाम रोशन करने की क्षमता भी रखते हैं। मगर शस्त्र लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया उनके भविष्य में बाधा बन रही है। भोपाल में चल रही नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में .22 बोर 25 मीटर स्टैंडर्ड पिस्टल सिविलियन टीम इवेंट में रजत पदक जीतने वाले निशानेबाज कुनाल सैनी व गौरव शर्मा भी लाइसेंस प्राप्त नहीं कर सके हैं। इसके चलते वे पिस्टल नहीं खरीद पा रहे और किराये पर पिस्टल लेकर प्रतिभाग करते हैं।
गुरु ने 2017 में दी थी पिस्टल
कुनाल सैनी ने बताया कि उनके 10 मीटर एयर पिस्टल के गुरु वेदप्रकाश शर्मा ने 2017 में अपनी पिस्टल दी थी। उससे उन्होंने इस इवेंट में पदक जीते। गाजियाबाद में 25 मीटर पिस्टल इवेंट के गुरु जुझार सिंह से पिस्टल लेकर नेशनल में खेले हैं। कभी साथियों से किराये पर लेकर खेलते हैं। उन्होंने बताया कि तीन वर्ष पहले पिस्टल लाइसेंस के लिए आवेदन किया था, जो लंबित है। निशानेबाज का लाइसेंस प्रमुखता से बनना चाहिए। चक्कर काट-काटकर थक चुके हैं। इससे खेल भी प्रभावित होता है।
टीम को दिलाया था रजत पदक
भोपाल की नेशनल शूटिंग में सिविलियन टीम इवेंट में गाजियाबाद के विनीत यादव (548 स्कोर), अलीगढ़ के गौरव शर्मा (546 स्कोर) व अलीगढ़ से खुद उन्होंने (562 स्कोर) कर टीम रजत पदक जीता है। स्वर्ण पदक से चूक गए। इसका कारण है कि उनके पास खुद की पिस्टल नहीं है। इस टीम इवेंट में मध्यप्रदेश प्रथम, यूपी द्वितीय व हरियाणा तृतीय स्थान पर रहा।