सफर में राह दिखाएगा शेयर लोकेशन एप

By Edited By: Publish:Tue, 26 Aug 2014 01:30 AM (IST) Updated:Tue, 26 Aug 2014 01:30 AM (IST)
सफर में राह दिखाएगा शेयर लोकेशन एप

जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : अनजान रास्ते में अगर आपकी गाड़ी धोखा दे जाए और मदद के लिए कोई नहीं दिखता है तो अब चिंता करने की जरूरत नहीं है। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के छात्रों ने ऐसे एप तैयार किए हैं, जो आपको अपनों तक पहुंचा देंगे। नए शहर में रिश्तेदार का घर खोजने के लिए भी किसी से पूछने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह काम भी गूगल मैप के जरिये एप करेगा।

एएमयू के जाकिर हुसैन इंजीनियरिंग कॉलेज के बीटेक (कंप्यूटर) के छात्रों ने यह कारनामा किया है। नौ छात्र-छात्राओं के ग्रुप ने एप नेबुला ग्रुप बनाया है। इसके तहत तीन नए एप बनाए हैं। ये हैं, 'शेयर लोकेशन', 'टेबल ट्रेप' और 'कॉलेज टाइम'। इन सभी एप को एंड्रायड फोन पर आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है।

करीब लाएगा मोबाइल

'शेयर लोकेशन' मोबाइल यूजर की ताजा लोकेशन बताएगा। इस लोकेशन को सेव करके दूसरे मोबाइल पर एसएमएस, ई-मेल या वाट्सएप के जरिए शेयर की जा सकती है। रिसीवर मोबाइल पर यह संदेश यूनिफार्म रिसोर्स लोकेटर (यूआरएल) के जरिए जाएगा। रिसीवर के मोबाइल पर ब्राउजर पर इसे खोल सकते हैं। ब्राउजर पर खुलते ही संदेश भेजने वाले व्यक्ति की लोकेशन दिखेगी। इसके साथ ही आटोमैटिक गूगल मैप बन जाएगा। इसमें संदेश भेजने वाले व्यक्ति और रिसीवर के बीच मैप बन जाएगा।

शेयर लोकेशन एप तैयार करने वाले बीटेक अंतिम वर्ष के साथ अरुण कुमार अत्री के अनुसार इसका लाभ वाहन पार्किंग, सफर आदि में कर सकते हैं। किसी अनजान शहर में किसी के घर जाते हैं तो उसकी लोकेशन पूछने की भी जरूरत नहीं पडे़गी। शेयर लोकेशन एप पर बने मैप के जरिए आसानी से उस व्यक्ति तक पहुंचा जा सकता है।

खेल-खेल में सीखें टेबल

बीटेक के छात्र साहिल वाष्र्णेय ने अपने साथियों के साथ 'टेबल ट्रेप' एप तैयार किया है। इस एप को भी एंड्रायड मोबाइल पर डाउनलोड किया जा सकता है। इसमें एक से 20 तक टेबल सेट करके गेम की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं। अंकों के मैच करने पर ही टेबल को आसानी से लिखा व याद किया जा सकता है। कॉलेज टाइम एप भी खास है। छात्र इसमें टाइम सेट कर क्लास में मोबाइल घंटी से बच सकते हैं। टाइम सेट होते ही मोबाइल साइलेंट मोड में चला जाता है। टाइम सेट ओवर होते ही मोबाइल नार्मल मोड में आ जाता है। एप नेबुला ग्रुप तैयार करने में अबू तलहा दानिश, विभु वाष्र्णेय, विभांशु, शुभ्राली कुलश्रेष्ठ, लावण्या दीक्षित, ज्योति अग्रवाल व अरीशा अंजुम का अहम सहयोग रहा है।

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इनका कहना है

तीनों ही एप महत्वपूर्ण हैं और इनका इस्तेमाल करना भी आसान है। शेयर लोकेशन एप मोबाइल यूजर को कहीं भटकने नहीं देगा।

- अरुण कुमार अत्री, छात्र बीटेक, एएमयू।

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