Water Pollution: लॉकडाउन में साफ तो हुआ लेकिन मानकों पर खरा नहीं उतरा यमुना जल

Water Pollution जनवरी से जून तक की रिपोर्ट से सामने आई स्थिति। मानक से कम डीओ और अधिक है बीओडी की मात्रा।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Tue, 11 Aug 2020 10:04 AM (IST) Updated:Tue, 11 Aug 2020 10:04 AM (IST)
Water Pollution: लॉकडाउन में साफ तो हुआ लेकिन मानकों पर खरा नहीं उतरा यमुना जल
Water Pollution: लॉकडाउन में साफ तो हुआ लेकिन मानकों पर खरा नहीं उतरा यमुना जल

आगरा, निर्लोष कुमार। ताजनगरी में यमुना जल मानकों पर खरा नहीं उतरा। लॉकडाउन में औद्योगिक गतिविधियों पर पाबंदी से यमुना जरूर कुछ स्वच्छ हुई थी, मगर उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) द्वारा जनवरी से जून तक की जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार औसत डिजॉल्व ऑक्सीजन (डीओ) मानक से कम और बायो ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) मानक से अधिक पाया गया है। वहीं, टोटल कॉलिफार्म (मानव व जीव अवशिष्ट) की बढ़ी हुई मात्रा यमुना में निरंतर सीवेज जाने पर मुहर लगा रही है।

यूपीपीसीबी द्वारा आगरा में यमुना जल की सैंपलिंग माह में दो बार कैलाश, वाटर वर्क्स और ताजमहल के डाउन स्ट्रीम में की जाती है। माह में दो बार सैंपल लिए जाते हैं। 25 मार्च को देशभर में लॉक डाउन होने के बाद यमुना की दशा भी पूर्व की अपेक्षा सुधरी थी। कैलाश घाट पर डीओ की मात्रा अप्रैल, मई व जून, वाटर वर्क्स पर मई व जून और ताजमहल पर मई में मानक के अनुसार रही। अन्य माह में यह मानक से कम रही। जनवरी से जून तक इसका औसत भी कैलाश को छोड़कर अन्य जगहों पर मानकों के अनुरूप नहीं रहा। बीओडी न तो किसी महीने में मानक के अनुसार रही और न उसका औसत। वहीं, टोटल कॉलिफार्म की मात्रा कैलाश पर कम और ताजमहल पर अधिक रही। यमुना में डीओ मानक से कम होने पर मछलियाें के मरने की संभावना बढ़ जाती है। यूपीपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी भुवन यादव ने बताया कि यमुना दिल्ली से ही प्रदूषित है। जनरेट होने वाले सीवेज के शोधन को सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट की कमी है। नए सीवेज ट्रीटमेंट बनाए जाने हैं।

शहर में अधिक हो रही प्रदूषित

यमुना शहर में अधिक प्रदूषित हो रही है। रिपोर्ट के अनुसार कैलाश पर डीओ, बीओडी, टोटल कॉलिफार्म, फीकल कॉलिफार्म की मात्रा कम है, जो क्रमश: वाटर वर्क्स व ताजमहल पर बढ़ती जा रही है। इसकी वजह यमुना में नालों के साथ सीवर का सीधे जाना है। आगरा में करीब 286 एमएलडी का सीवेज जनरेट हो रहा है, जिसमें से करीब 140-150 एमएलडी का ही शोधन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में हो पा रहा है। बाकी सीधे यमुना में जा रहा है।

यह रही स्थिति

कैलाश घाट

माह, डीओ, बीओडी, टोटल कॉलिफार्म, फीकल काॅलिफार्म

जनवरी, 4.7, 11.6, 38000, 22000

फरवरी, 4.7, 11.6, 33000, 18000

मार्च, 5.4, 13.2, 52000, 21000

अप्रैल, 6.3, 9.6, 33000, 13000

मई, 7.8, 8.4, 33000, 13000

जून, 7.1, 9.2, 34000, 16000

औसत, 6.0, 10.6, 37167, 17167

वाटर वर्क्स

माह, डीओ, बीओडी, टोटल कॉलिफार्म, फीकल काॅलिफार्म

जनवरी, 4.1, 12.4, 52000, 30000

फरवरी, 4.3, 14.4, 48000, 21000

मार्च, 5.2, 13.6, 63000, 22000

अप्रैल, 5.7, 10.4, 49000, 17000

मई, 7.3, 9.2, 44000, 18000

जून, 6.7, 10.8, 45000, 17000

आैसत, 5.6, 11.8, 50167, 20833

ताजमहल

माह, डीओ, बीओडी, टोटल कॉलिफार्म, फीकल काॅलिफार्म

जनवरी, 3.9, 14.8, 110000, 35000

फरवरी, 4.0, 16.4, 110000, 44000

मार्च, 5.1, 14.4, 110000, 46000

अप्रैल, 5.4, 11.2, 89000, 52000

मई, 7.1, 10.0, 79000, 46000

जून, 5.6, 11.6, 78000, 43000

औसत, 5.2, 13.1, 96000, 44333

मात्रक: डीओ व बीअोडी का मात्रक मिलीग्राम प्रति लिटर में है, जबकि टोटल कॉलिफार्म का मात्रक मोस्ट प्रोबेबल नंबर प्रति 100 मिली है।

मानक

डीओ: छह या उससे अधिक

बीओडी: पांच से कम

टोटल कॉलिफार्म: पेयजल में 100, नहाने के पानी में 500 से अधिक नहीं होना चाहिए। जिस पानी में यह पांच हजार से अधिक हो उसे शोधित नहीं किया जा सकता है। 

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