Ice Cream: कोरोना के चलते पिघली रही आइसक्रीम, जानिए कितना सिमट गया ये कारोबार

Ice Cream आइसक्रीम कारोबार को पी गया कोरोना होती थी 50 करोड़ की बिक्री। आगरा में आइस्क्रीम की आधा दर्जन के करीब बड़ी फैक्ट्रियां हैं। मदर डेयरी और अमूल के बड़े सुपर स्टाक हैं। इसके साथ ही 38 अन्य ब्रांड आइस्क्रीम तैयार करते हैं।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Wed, 02 Jun 2021 02:23 PM (IST) Updated:Wed, 02 Jun 2021 04:17 PM (IST)
Ice Cream: कोरोना के चलते पिघली रही आइसक्रीम, जानिए कितना सिमट गया ये कारोबार
आइसक्रीम की बिक्री इस बार बिक्री 15 फीसद तक ही सिमटी है।

आगरा, जागरण संवाददाता। आइसक्रीम, वैसे तो वैसे तो अब साल भर इसका कारोबार चलता है लेकिन आगरा में मार्च से सितंबर तक बाजार में इसकी मांग काफी तेज हो जाती है। इस बार वो बात नहीं। आपकी आइसक्रीम प‍िघल गई है। वजह, कोरोना संक्रमण के चलते लगातार दो महीने लाकडाउन रहा। वायरस का असर कुछ ऐसा रहा कि बाजार में आइसक्रीम की मांग न के बराबर है। यही वजह है कि इस बार बिक्री 15 फीसद तक ही सिमटी है।

आगरा में आइस्क्रीम की आधा दर्जन के करीब बड़ी फैक्ट्रियां हैं। मदर डेयरी और अमूल के बड़े सुपर स्टाक हैं। इसके साथ ही 38 अन्य ब्रांड आइस्क्रीम तैयार करते हैं। जिनमें सहालग और गर्मी के सीजन का काम बढ़ जाता था। सभी ब्रांडों ने गर्मी के सीजन का काम शुरू कर दिया था लेक‍िन एक अप्रैल से काेरोना वायरस के चलते यह कारोबार प्रभाव‍ित होना शुरू हुआ। आइस्क्रीम विक्रेता विजय कुमार की माने तो गर्मी में आइस्क्रीम की मांग बढ़ जाती थी। बाकी दिनों में शादी-पार्टियों के ही आर्डर होते थे लेक‍िन इस बार यह कारोबार 15 फीसद रह गया है। शहर में ही साल भर मेे करीब 50 करोड का कारोबार होता है पर इस बार यह कारोबार सीजन में भी पांच करोड को भी पार नही कर पाया है।

आगरा से कई जिलों में सप्लाई

आइस्क्रीम के कारोबारी अमित अग्रवाल ने बताया कि आगरा में संचालित सुपर स्टाक से एटावा, एटा, अलीगढ़, हाथरस, मथुरा, कासगंज, औरेया, मुरैना, धौलपुर तक सप्लाई होती हैं। सुपर स्टाक संचालकों को हर वर्ष का लक्ष्य मिलता था। जो शादी-पार्टी के माध्यम से पूरा करना होता है।

दो हजार से ज्यादा लोग कर रहे ये काम

आगरा में 350 से ज्यादा आइस्क्रीम के स्ट्रीट विक्रेता हैं। सहालग सजीन में 60 से 65 शादी-पार्टियों के आर्डर मिलते हैं। एक कारोबारी कम से कम 20 लोगों को रोजगार उपलब्ध कराता हैं। इसके अलावा आइस्क्रीम की फैक्ट्रियों में काफी कारीगरों को रोजगार मिलता है। कारोबार‍ियोें की माने तो इस कार्य से करीब दो हजार लोग जुडे है पर कारोबार प्रभावित होने से अधिकांश बेरोजगार हो गए है। 

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