आयकर अफसर लौटे वापस, 250 करोड़ की अघोषित आय आ सकती है सामने

बुधवार को आयकर विभाग ने आगरा में 19 स्थानों पर मारा था छापा। दर्जा प्राप्त पूर्व राज्यमंत्री, बिल्डर एवं ठेकेदार के रिश्तेदार भी आए थे जद में।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Fri, 08 Feb 2019 06:31 PM (IST) Updated:Fri, 08 Feb 2019 11:05 PM (IST)
आयकर अफसर लौटे वापस, 250 करोड़ की अघोषित आय आ सकती है सामने
आयकर अफसर लौटे वापस, 250 करोड़ की अघोषित आय आ सकती है सामने

आगरा, जागरण संवाददाता। दर्जा प्राप्त पूर्व राज्यमंत्री सहित दो लोगों के खिलाफ बुधवार को शुरू की गई आयकर विभाग की कार्रवाई शुक्रवार को पूरी हो गई।

सपा सरकार में पूर्व मंत्री रहे शिवकुमार राठौर, बिल्डर पीएल शर्मा और ठेकेदार संतोष कुमार शर्मा के कारोबार और आवास पर आयकर विभाग ने छह फरवरी को छापा डाला था। इसके बाद से विभाग लगातार कार्रवाई कर रहा था। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार कार्रवाई के अंतर्गत दो जगह पर प्रोहिबिटरी आर्डर लगाए गए हैं। बिल्डर पीएल शर्मा ने सरेंडर के लिए चार से पांच दिन का समय मांगा है। वहीं संतोष शर्मा ने 10 करोड़ की अघोषित आय को सरेंडर कर दिया है। कार्रवाई में आरबी इंफ्रा की 100 करोड़ से ज्यादा की अघोषित एफडी मिली है। जबकि सलोनी और महेश एडिबल ऑयल से 100 करोड़ की अघोषित आय मिलने की संभावना जताई गई है। इसके साथ में कई बोगस परचेज और अनियमितता पाई गई हैं। पूर्व राज्य मंत्री शिवकुमार राठौर ने आयकर टीम के साथ जांच में सहयोग नहीं किया। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पूर्व मंत्री ने कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार किया।

120 करोड़ की अघोषित आय सामने आने की संभावना

दर्जा प्राप्त पूर्व राज्यमंत्री शिवकुमार राठौर, बिल्डर व कारोबारी पीएल शर्मा और ठेकेदार संतोष शर्मा के आवास और प्रतिष्ठानों पर आयकर विभाग की सर्वे कार्रवाई गुरुवार को भी जारी रही थी। देर शाम तक 28 ठिकानों में से 11 पर जांच हो चुकी थी। इसमें 120 करोड़ की अघोषित आय के सामने आने की संभावना है। अन्य 17 ठिकानों पर जांच जारी थी।

जांच टीमों को ठिकानों से काफी मात्रा में ज्वैलरी मिली है, जिसमें से कुछ के ही स्रोत मिले। जांच में शामिल सिर्फ दो कंपनियों के ही रिकॉर्ड टीमें तलाश पाईं। छह कंपनियों की बुक्स और रसीदों को तलाशने के लिए जांच टीमें लगातार पूछताछ करती रही। आयकर विभाग की टीमों ने फर्मों से बोगस खरीद करने व दिखाने वाले व्यापारियों पर शिकंजा कसकर साक्ष्य जुटाए। उसी का नतीजा है कि जांच में कई महत्वपूर्ण सुराग मिले।

कई जगह नहीं मिला सहयोग

आयकर विभाग की टीमों को कई जगह से जांच में सहयोग नहीं मिला। रिकॉर्ड आदि को लेकर भी उन्हें सही जानकारी नहीं दी गई, जिस कारण जांच में लंबा समय लगा। कुछ जगह टीमों को हल्का विरोध भी झेलना पड़ा, लेकिन पुलिस को साथ लेकर कार्रवाई आगे बढ़ाई गई।

पांच करोड़ की रकम के साथ कार ड्राइवर भी पकड़ा था

बुधवार को लखनऊ में आयकर विभाग की टीम को एक कार से करीब पांच करोड़ की रकम बरामद करने के साथ ही ड्राइवर को भी हिरासत में ले लिया था। पूछताछ में उसने गाड़ी मालिक सहित जो दो नाम उजागर किए, वे दोनों ही फरार हैं। ऐसे में इस रकम का दावेदार हत्थे नहीं चढ़ सका है।

बुधवार को जांच शुरू होते ही आयकर विभाग को पुख्ता सूचना मिली थी कि लखनऊ के आलमबाग, कृष्णा नगर में एंडेवर कार (यूपी 32 केए 5500) संदिग्ध प्रतीत हो रही है। टीम ने कार्रवाई करते हुए कार को ड्राइवर देवेश श्रीवास्तव (33 वर्ष) सहित कब्जे में ले लिया। कार की जांच करने पर उसमें पांच बैग और तीन कार्टन में नोटों की गड्डियां मिली थीं। आयकर अधिकारियों ने अनुमानित रकम करीब पांच करोड़ बताई थी।

हरिओम के नाम है कार

एंडेवर गाड़ी का स्वामी गोसाईगंज, लखनऊ निवासी हरिओम है। गाड़ी का रजिस्ट्रेशन 23 अगस्त 2018 का है। ड्राइवर ने आयकर टीम को बताया है कि वह बैगों को राकेश कुमार को देने जा रहा था। देवेश ने टीम को राकेश का बैंक खाता नंबर भी बताया। मगर, जांच में ये खाता नंबर हरिओम के नाम निकला है। आयकर टीम अब हरिओम और राकेश की तलाश कर रही है।  

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