Holi in Braj: कान्हा संग छड़ीमार होली खेलेंगी गोपिकाएं, जीवंत होगी द्वापरकालीन लीला Agra News

गोकुल में सात मार्च को होगी गोकुल में अनूठी होली। छड़ीमार होली देखने को आते हैं देश-विदेश से श्रद्धालु।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Wed, 26 Feb 2020 09:33 AM (IST) Updated:Wed, 26 Feb 2020 09:33 AM (IST)
Holi in Braj: कान्हा संग छड़ीमार होली खेलेंगी गोपिकाएं, जीवंत होगी द्वापरकालीन लीला Agra News
Holi in Braj: कान्हा संग छड़ीमार होली खेलेंगी गोपिकाएं, जीवंत होगी द्वापरकालीन लीला Agra News

आगरा, नवनीत शर्मा। पूरे ब्रज में फाग महोत्सव का रंग धीरे-धीरे चढऩे लगा है। मंदिरों में पदगायन हो रहे हैं। बरसाना और नंदगांव में लठामार होली की तैयारियां हो रही हैं तो गोकुल भी कान्हा संग छड़ीमार होली के लिए उतावला है। छडिय़ां सजायीं जा रही हैं। यहां पर सात मार्च को होली होगी।

गोकुल स्थित नंदबाबा मंदिर से सात मार्च को दोपहर 12 बजे कान्हा के बाल स्वरूप का डोला निकाला जाएगा। मुरलीधर घाट पर पहुंच भगवान भक्तों को दर्शन देंगे और इसके साथ ही होली शुरू हो जाएगी। अबीर-गुलाल उड़ेगा, टेसू के रंग में श्रद्धालु सराबोर हो जाएंगे। द्वापरकालीन इस लीला को जीवंत करने की परंपरा निवर्हन के लिए गोकुल उल्लास में डूबा हुआ है। घर-घर तैयारियां की जा रही हैं। छडिय़ां संवारी और सजाई जा रही हैं।

मंदिर के पुजारी मथुरादास बताते हैं कि गोकुल में सात मार्च को होली खेली जाएगी। होली के लिए 200 छड़ी सजाई जा रही हैं। गोपियां भी ये होली खेलने के लिए उतावली हैं। लहंगा-फरिया तैयार करवाए जा रहे हैं।

दस मन उड़ेगा गुलाल

गोकुल में छड़ी मार होली के लिए मंदिर प्रबंधन द्वारा दस मन विभिन्न रंगों का अबीर-गुलाल मंगाया जाएगा। यह अबीर गुलाल मथुरा और हाथरस से मंगाया जा रहा है। करीब दो मन टेसू के फूलों का रंग तैयार किया जाएगा। गोकुल में घर-घर टेसू के फूलों का रंग तैयार किया जा रहा है।

इसलिए खेली जाती है छड़ीमार होली

मथुरा में जन्म लेने के बाद श्रीकृष्ण को लेकर वासुदेव यमुना पार नंदबाबा के यहां गए थे। भगवान श्रीकृष्ण ने बाल्य लीलाएं गोकुल में ही कीं। धार्मिक मान्यता है कि भगवान जब यहां होली खेलते थे तो गोपिकाएं उनको छड़ी से छेड़ती थीं। 

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