राजकीय सम्मान के साथ सूबेदार रजनेश को दी अंतिम विदाई, असम राइफल्‍स में थे तैनात Agra News

असम राइफल्स में थे तैनात अरुणाचल के जयरामपुर में बुधवार को हुआ था निधन। नगला केहरी पहुंचे विधायक एसडीएम और अधिकारी संवेदना जताने वालों का तांता।

By Tanu GuptaEdited By: Publish:Fri, 24 Jan 2020 04:18 PM (IST) Updated:Fri, 24 Jan 2020 04:18 PM (IST)
राजकीय सम्मान के साथ सूबेदार रजनेश को दी अंतिम विदाई, असम राइफल्‍स में थे तैनात Agra News
राजकीय सम्मान के साथ सूबेदार रजनेश को दी अंतिम विदाई, असम राइफल्‍स में थे तैनात Agra News

आगरा, जेएनएन। असम राइफल्स में सूबेदार के पद पर तैनात जांबाज सूबेदार रजनेश कुमार का राजकीय सम्मान के साथ शुक्रवार दोपहर अंतिम संस्कार हो गया। अरुणाचल प्रदेश के जयरामपुर में ड्यूटी के दौरान बुधवार को उनका निधन हुआ था। सुबह उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचते ही कोहराम मच गया। परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल था।

फीरोजाबाद के अरांव ब्लॉक के नगला केहरी के रहने वाले 50 वर्षीय रजनेश कुमार बघेल पुत्र नवाब सिंह असम राइफल्स में तैनात थे। नायब सूबेदार के पद से उनका प्रमोशन पिछले दिनों हुआ था, जिसके बाद पूरा परिवार खुश था। बुधवार शाम अचानक उनकी तबियत बिगड़ी और उपचार के लिए ले जाते समय मौत हो गई। सैन्य अधिकारियों द्वारा स्वजनों को दी गई जानकारी में मौत की वजह हार्ट अटैक बताई गई है। जयरामपुर से उनका पार्थिव शरीर हवाई जहाज से देर रात दिल्ली पहुंचा था। गांव में पार्थिव शरीर पहुंचने से पहले रिश्तेदारों और ग्रामीणों की भीड़ जुट गई थी। जसराना विधायक रामगोपाल लोधी, एसडीएम जसराना कुमार चंद जवालिया समेत कई गण्यमन्य लोग उन्हें अंतिम विदाई देने पहुंचे थे। दोपहर 12 बजे उन्हें अंतिम विदाई दी गई।

26 दिसंबर को खुशी-खुशी गांव से हुए थे रवाना

स्वजनों के मुताबिक दिसंबर में रजनेश छुट्टी पर आए थे और 26 दिसंबर को ड्यूटी के लिए अरुणाचल प्रदेश जाने को रवाना हुए थे। उस समय उन्होंने बताया था कि उनका प्रमोशन होने वाला है और वे जल्द ही सूबेदार बन जाएंगे। जनवरी के दूसरे सप्ताह में उनकी पदोन्नति हुई तो घर वालों को फोन किया था।

देश की सेवा में समर्पित है परिवार,दो बेटे हैं फौज में

सूबेदार रजनेश का परिवार देश सेवा में समर्पित है। उनके दो बेटे पवन और विमल भी फौज में है। पवन की तैनाती अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग में है, जबकि विवेक की तैनाती त्रिपुरा में हैं। दो बेटे शिवकुमार और बिपिन फौज में भर्ती होने के लिए तैयारी कर रहे हैं। पिता की मौत की जानकारी होने पर पवन पहुंच गए थे। पार्थिव शरीर के साथ वे गांव पहुंचे।

प्रशासन ने स्मारक के लिए दी जमीन

सूबेदार का अंतिम संस्कार सरकारी जमीन पर किया गया। परिवार वालों ने स्मारक के लिए प्रशासन से जमीन की मांग की। एसडीएम कुमार चंद ने बताया कि जहां पर अंतिम संस्कार हुआ है, वहीं स्मारक के लिए जमीन दे दी गई है।

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