DBRAU: हजारों छात्र-छात्राओं की मार्कशीट और डिग्री नहीं बांट सका विवि, आनलाइन सिस्टम भी फेल

DBRAU दर्जनों छात्र हर रोज पहुंचते हैं छात्र सहायता केंद्र पर। पांच बार डिग्री व अंकतालिका वितरण के लिए चल चुके हैं अभियान। दूर-दूर से आने वाले सैकड़ों छात्र-छात्र रोजाना हो रहे हैं परेशान। पूर्व कुलपति डा. अरविंद दीक्षित ने तैयार किया था आनलाइन सिस्टम।

By Prabhjot KaurEdited By: Publish:Wed, 07 Dec 2022 02:07 PM (IST) Updated:Wed, 07 Dec 2022 02:07 PM (IST)
DBRAU: हजारों छात्र-छात्राओं की मार्कशीट और डिग्री नहीं बांट सका विवि, आनलाइन सिस्टम भी फेल
DBRAU: तमाम उपाय अपनाएं, छात्रों की समस्या खत्म नहीं कर पाए

आगरा, जागरण संवाददाता। डा. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय ने डिग्री और अंकतालिका की समस्या को दूर करने के लिए तमाम प्र यास किए, कदम उठाए। इसके बावजूद छात्र परेशान हैं। हर रोज विवि के छात्र सहायता केंद्र पर छात्र दूसरे शहरों से पहुंचते हैं। किसी को दो साल से तो किसी को तीन साल से डिग्री नहीं मिली है। यह स्थिति तब है जब विवि पांच बार डिग्री व अंकतालिका वितरण अभियान चला चुका है।

आनलाइन सिस्टम तैयार किया गया था

विवि में 2019 में पूर्व कुलपति डा. अरविंद दीक्षित के कार्यकाल में डिग्री व अंकतालिका के प्रार्थनापत्र लेने के लिए आनलाइन सिस्टम तैयार किया था इससे पूर्व के दो लाख से ज्यादा आवेदनों को डंप कर दिया गया सभी से नए सिरे से आवेदन मांगे गए और शुल्क भी आनलाइन जमा करने की व्यवस्था की गई इसके बाद स्नातक स्तर के सभी अनुभागों को मिलाकर एक विभाग बना दिया गया खंदारी परिसर में काल सेंटर की भी शुरुआत की गई 2015 से 2020 तक तैयार डिग्रियों और अंकतालिकाओं के वितरण के लिए पांच बार विशेष अभियान चलाया गया। हर रोज विश्वविद्यालय में छात्र डिग्री व अंकतालिका के लिए पहुंचते हैं।

समस्याओं का नहीं हुआ समाधान

कासगंज के सुनील कुमार ने बताया कि बीएससी के परिणाम में एमडबल्यू लिखा आ रहा है, कई बार आवेदन कर चुके हैं। कालेज से भी लिखवा कर ला चुके हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। बार-बार 150 किलोमीटर आना और बिना समाधान के वापस जाना मुश्किल होता है। अब कहा जा रहा है कि हमारा रिकार्ड राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय में भेजा जा चुका है।

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मथुरा के अमित प्रताप ने बताया कि उन्होंने 2016 में बीए किया था, जिसकी डिग्री के लिए वे पिछले दो साल से चक्कर काट रहे हैं। नौकरी में दस्तावेज लगाने हैं। आंवलखेड़ा की नेहा कुमारी पिछले डेढ़ साल से अपनी बीकाम की डिग्री के लिए चक्कर काट रही है। इन तीनों के अलावा दर्जनों छात्र हर रोज सहायता केंद्र पर पहुंचते हैं।

परीक्षा नियंत्रक डा. ओमप्रकाश का क हना है कि डिग्री व अंकतालिका की समस्या को खत्म करने की भरसक कोशिश की जा रही है। कई बार कालेजों का सहयोग नहीं मिलता है तो कई बार पुरानी क मियों के कारण व्यवस्थाएं गड़बड़ाई हुई हैं। अगर किसी छात्र को परेशान है, तो वे मुझसे भी संपर्क कर सकता है या कुलपति द्वारा जारी ई-मेल आइडी पर अपनी शिकायत दर्ज कराए। 

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