गाज का डर: Yamuna Expressway 48 घंटे में लगे क्रैश बीम बैरियर Agra News

यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण को जेपी इंफ्राटेक ने लिखित में दी पहले चरण का काम पूरा होने की जानकारी। आज हकीकत जांचेंगे प्राधिकरण के सीईओ फिर शुरू होगा दूसरे चरण का काम।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Thu, 08 Aug 2019 11:35 AM (IST) Updated:Thu, 08 Aug 2019 11:35 AM (IST)
गाज का डर: Yamuna Expressway 48 घंटे में लगे क्रैश बीम बैरियर Agra News
गाज का डर: Yamuna Expressway 48 घंटे में लगे क्रैश बीम बैरियर Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। यमुना एक्सप्रेसवे आगरा क्षेत्र में करीब एक माह पहले रोडवेज बस हादसे में 29 लोगों की मौत के बाद दिल्ली आइआइटी के सुझावों को लागू करने के लिए यमुना प्राधिकरण ने एक्सप्रेसवे प्रबंधन को नोटिस जारी किया। जवाब में एक्सप्रेस वे का संचालन कर रही कंपनी जेपी इंफ्राटेक ने 48 घंटे में पहले चरण का काम पूरा करने का लिखित पत्र प्राधिकरण को दिया है। ग्रेटर नोएडा से आगरा तक एक्सप्रेस वे के मेडियन पर कर्व स्टोन को हटाकर क्रैश बीम बैरियर लगने का दावा किया है। इससे तेज रफ्तार वाहन अनियंत्रित होने के बावजूद ब्रिज से नीचे नहीं गिरेंगे। इन कार्यों पर करीब 25 करोड़ रुपये का खर्च हुआ है।

सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा निगरानी समिति के आदेश पर यमुना प्राधिकरण ने आइआइटी दिल्ली से एक्सप्रेस वे का सुरक्षा ऑडिट कराया था। आइआइटी दिल्ली की तरफ से दिए गए सुझावों को अलग अलग चरणों में लागू किया जा रहा है। पहले चरण में एक्सप्रेस वे पर ब्रिज के ऊपर से गुजर रही सड़क के बीच वाले स्थानों पर क्रैश बीम बैरियर लगाने, तार फेंसिग व किनारे पर लगे क्षतिग्रस्त क्रैश बीम बैरियर को दुरुस्त कराने के जेपी इंफ्राटेक को निर्देश दिए गए थे। कंपनी ने दावा किया है कि उसने क्रैश बीम बैरियर लगाने का कार्य पूरा कर दिया है। प्राधिकरण के सीईओ डा. अरुणवीर सिंह ने बताया कि पहले चरण में कराए गए कार्यों का स्थलीय सत्यापन कराया जाएगा। इसके बाद दूसरे चरण का कार्य शुरू होगा।

15 सिंतबर को सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

प्राधिकरण के महाप्रबंधक केके सिंह ने बताया कि यमुना एक्सप्रेस वे पर 8 जुलाई को हुए हादसे के बाद टोल कंपनी का संचालन कर रहे जेपी ग्रुप को नोटिस जारी करते हुए स्पष्ट कहा था कि यदि 15 सितंबर से पूर्व दिल्ली आइआइटी की रिपोर्ट अनुसार हाईवे की संरक्षा के लिए टोल कंपनी ने काम शुरू नहीं किया तो उसके विरूद्ध अनुबंध निरस्त करने की कार्यवाही शुरु की जाएगी। इस कपंनी के द्वारा किए जाने वाले कार्य की रिपोर्ट सुनवाई के दौरान आगामी 15 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की जाएगी। माना जा रहा है कि इस कार्यवाही को ध्यान में रखते हुए जेपी इंफ्राटेक ने पहले चरण का काम पूरा किया है।

स्पीड कैमरा व सीसीटीवी कैमरा पर भी होगा काम

महाप्रबंधक ने बताया कि एक्सप्रेसवे पर सीसीटीवी, स्पीड कैमरा, एसओएस बॉक्स, नाइट्रोजन फिलिंग स्टेशन आदि सुविधाएं नहीं मिल पा रहीं हैं। ऐसे में इन सुविधाओं को एक महीने में सभी सुविधाएं दुरुस्त करने के आदेश दिए हैं। 

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