छत्रपति शिवाजी महाराज को जहां रखा गया था कैद, काफी खोज के बाद मिला वह स्थान
- संघ के सह सरकार्यवाह ने राष्ट्रीय संगोष्ठी में स्मारक बनवाने का रखा प्रस्ताव - आगामी पीढ़ी के लिए जरूरी है शोध कर खोजा गया इतिहास, दूसरी जगह भी होने चाहिए प्रयास
आगरा (जासं): आरएसएस के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने कहा कि इतिहास के सुनहरे पन्नों को षड्यंत्र के तहत गायब करने वाली ताकतों को आइना दिखाना जरूरी है। जैसे आगरा में छत्रपति शिवाजी महाराज के स्थलों को खोजा गया है, उसी प्रकार पूरे देश में राष्ट्र को गौरव देने वाले स्थलों की खोज कर स्मारक बनवाने के प्रयास किए जाने चाहिए।
सह सरकार्यवाह आंबेडकर विवि के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ग्राम्य विकास संस्थान द्वारा जेपी सभागार में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। संगोष्ठी का विषय छत्रपति शिवाजी महाराज की आगरा यात्रा का ऐतिहासिक महत्व: स्रोत एवं साक्ष्य है। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने आगरा में आकर मुगल सत्ता के मुंह पर करारा तमाचा मारा था। औरंगजेब और दूसरे आक्रमणकारियों का चरित्र दुनिया जानती है। शोध के बाद तथ्यों के साथ आगरा में अभी तक प्रचलित इतिहास से अलग छत्रपति शिवाजी महाराज से संबंधित स्थलों को खोजा गया है। अब उन्हें सहेजने का संकल्प लेना होगा। तभी आगामी पीढ़ी उनसे प्रेरणा ले सकेगी। दो दिवसीय गोष्ठी के पहले दिन जीवाजी विवि के प्रो. कुमार रत्नम ने छत्रपति शिवाजी महाराज की आगरा यात्रा के इतिहास का महत्व बताया। अजमेर से आए प्रो. तेजकुमार माथुर ने कहा छत्रपति शिवाजी महाराज की वीरता को इतिहास में छुपाने का प्रयास किया गया है। इस अवसर पर राष्ट्र गौरव संवर्धन न्यास की ओर से खोजे गए स्थलों को स्मारक बनाने का संकल्प लिया गया।
कोठी मीना बाजार के पास नजरबंद रहे थे छत्रपति शिवाजी महाराज
शोधकर्ता प्रो. सुगम आनंद और डॉ. अमी आधार निडर ने कोठी मीना बाजार स्थित चौबेजी की कोठी को छत्रपति शिवाजी महाराज का बंदीखाना सिद्ध किया है। अभी तक आगरा किले में इसे माना जाता था। उन्होंने खोजे गए स्थल को किदवई हुसैन खान की हवेली बताया। यहीं छत्रपति शिवाजी महाराज को नजरबंद किया गया था।