मथुरा में फिर जीवंत हुआ द्वापरयुग, कृष्ण- बल्देव ने उखाड़े हाथी के दांत

कुबलियापीड़ हाथी वध महोत्सव का हुआ आयोजन।

By Prateek GuptaEdited By: Publish:Tue, 13 Nov 2018 05:12 PM (IST) Updated:Tue, 13 Nov 2018 05:12 PM (IST)
मथुरा में फिर जीवंत हुआ द्वापरयुग, कृष्ण- बल्देव ने उखाड़े हाथी के दांत
मथुरा में फिर जीवंत हुआ द्वापरयुग, कृष्ण- बल्देव ने उखाड़े हाथी के दांत

आगरा [जेएनएन]: मंगलवार को कृष्ण नगरी में मानो द्वापरयुग जीवंत हो उठा। कंस के ससुर जरासंध द्वारा कंस को उपहार में दिये युद्ध कौशल में प्रवीण असीम शक्तिशाली कुबलियापीड़ हाथी का कृष्ण- बल्देव द्वारा वध लीला का आयोजन किया गया।

कुबलियापीड़ हाथी वध महोत्सव समिति द्वारा आयोजित परंपरागत कार्यक्रम में शाम को स्वामी घाट से घोड़े पर विराजमान कृष्ण-बल्देव की विशाल शोभायात्रा निकाली गई। यात्रा में कृष्ण लीला से संबंधित कलात्मक झांकियां, काली अखाड़ों, पटेबाजी प्रदर्शन, कागज का प्रतीकात्मक हाथी से सुसज्जित, बैंडों की सुमधुर धार्मिक स्वरलहरियों के बीच निकाली गयी। यह स्वामी घाट से प्रारम्भ होकर चौक बाजार, मंडी रामदास, डीग गेट होती हुयी श्रीकृष्ण जन्मस्थान के निकट मल्लपुरा में प्राचीन हाथी वध स्थल पहुंची, वहां कागज के प्रतीकात्मक हाथी के दांत कृष्ण- बल्देव ने उखाड़े। इसके बाद लोगों ने लाठियों से पीट- पीट कर उस हाथी के परखच्चे उड़ा दिए। विजय के प्रतीक उन दांतों को लेकर दोनों भाई प्राचीन केशव देव मंदिर पहुंचे, वहां प्रबन्ध कमेटी द्वारा कृष्ण- बल्देव का भव्य स्वागत कर आरती उतारी।

इसके बाद वहां से गोपीनाथ मंदिर, योग माया मंदिर, संत देवों बाबा आश्रम होते हुये शोभायात्रा पोराकुंड के निकट संत खड़ेश्वरी महाराज के आश्रम पहुंच महाआरती के साथ सम्पन्न हुई। मार्ग में पग-पग पर मथुरावासियों ने दोनों भाईयों का स्वागत, आरती, पुष्पवर्षा कर जय- जयकार कर रहे थे। इस दौरान समिति के मार्गदर्शक राजनारायण गौड़, राजीव शर्मा, अध्यक्ष रमाकांत गोस्वामी, महामंत्री पं. शशांक पाठक, मेला संयोजक निमाई पण्डित, वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजय पिपरोनिया, अनुराग पाठक, पंकज शर्मा, समिति प्रवक्ता पं. अमित भारद्वाज आदि मौजूद रहे।  

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