300 वर्ष पुराने श्रीराम चंद्रजी मंदिर से मूर्तियां गायब होने पर पुजारी पर केस दर्ज, टोडरमल ने की थी स्थापना
Agra Crime News श्रीराम चंद्रजी प्राचीन मंदिर से गायब मूर्तियाें के मामले में पुजारी पर अभियोगअकबर के नवरत्न में एक टोडरमल ने स्थापित किया था जटपुरा में मंदिर -मंदिर के प्रबंधक ने पुजारी और उनकी पत्नी पर लगाया प्राचीन मूर्तियां चाेरी होने का अरोप
आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा में लोहामंडी के जटपुरा स्थित प्राचीन श्रीराम चंद्रजी महाराज के मंदिर से 300 वर्ष पुरानी कई मूर्तियां गायब के मामले में पुजारी के खिलाफ अभियोग दर्ज किया गया है। मंदिर समिति के प्रबंधक रामदास कटारा ने पुजारी दीपमणि शुक्ला और उनकी पत्नी पर मूर्तियां चोरी करने का आरोप लगाया है। मूर्तियां गायब होने को लेकर पुजारी और प्रबंधक द्वारा एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं।
राजा टोडरमल ने करायी थी मंदिर की स्थापना
क्षेत्रीय लोगों की मान्यता के अनुसार मंदिर की स्थापना अकबर के नवरत्नों में एक राजा टोडरमल द्वारा की गई थी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआइ) द्वारा वर्ष 1991 में मंदिर की सभी मूर्तियों का सर्वेक्षण किया गया था। मूर्तियां 300 वर्ष से अधिक पुरानी थीं। इस मंदिर में आयोजित होने वाला दशहरा रामबरात से भी अधिक प्राचीन है। मंदिर की प्रबंधन समिति के पदाधिकारी रामदास कटारा के अनुसार करीब तीन हजार वर्गगज में फैले मंदिर परिसर में कई पुराने किराएदारों का कब्जा है।
प्राचीन मूर्तियां गायब होने का मामला सामने आया
रामदास कटारा का आरोप है कि मंदिर से प्राचीन मूर्तियां गायब होने के मामला संज्ञान में आया। उन्होंने और क्षेत्रीय लोगों ने पुजारी आचार्य दीपमणि शुक्ला से इस बारे में जानकारी की। पुजारी ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। वह टालमटोल करने लगे। कई बार मूर्तियों के बारें पूछा तो पुजारी और उनकी पत्नी अभद्रता पर उतर आए। उनके साथ गाली-गलौज और अभद्रता की। धमकी दी कि जो करना है कर लो, मूर्तियां हमारे पास नहीं है। एसीपी सिंह गिरीश कुमार सिंह ने बताया कि अभियोग दर्ज किया गया है। विवेचना में मिले साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
पुजारी बोले चोरी का आरोप गलत, निर्दोष होने का है साक्ष्य
मंदिर के पुजारी आचार्य दीपमणी शुक्ला का कहना है कि मूर्तियां चोरी करने का आरोप गलत है। यह उन्हें हटाने की साजिश का हिस्सा है। वह जनवरी 2022 से मंदिर में पुजारी हैं। उस समय मंदिर की वीडियो बनाई थी। जिसमें 13 मूर्तियां दिखाई दे रही हैं। इसमें नौ मूर्तियां अभी भी हैं। जिन चार मूर्तियों को गायब बताया जा रहा है, वह पूर्व पुजारी के स्वजन की थीं। पुजारी और उनकी पत्नी की कोरोना में मौत हो गई थी। उनके स्वजन चारों मूर्तियां ले गए।