Agra News: छह वर्षीय मासूम से दरिंदगी के बाद आगरा पुलिस ने आरोपित को दी क्लीन चिट, कोर्ट ने सुनाई उम्र कैद

Agra News वर्ष 2013 में जगदीशपुरा थाना क्षेत्र में छह वर्षीय बालिका से हुआ था दुष्कर्म तत्कालीन सीओ प्रभाकर चौधरी ने की थी विवेचना अब बरेली में हैं एसएसपी। आरोपित को आजीवन कारावास की सजा 50 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Sat, 18 Mar 2023 11:53 AM (IST) Updated:Sat, 18 Mar 2023 11:53 AM (IST)
Agra News: छह वर्षीय मासूम से दरिंदगी के बाद आगरा पुलिस ने आरोपित को दी क्लीन चिट, कोर्ट ने सुनाई उम्र कैद
Agra News: पुलिस ने दी क्लीन चिट, कोर्ट बोली उम्र कैद

आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा के जगदीशपुरा थाना क्षेत्र में बच्ची से दुष्कर्म के मामले में न्यायालय ने निर्णय दिया है। तत्कालीन विवेचक सीओ प्रभाकर चौधरी ने आरोपित को क्लीन चिट दे दी थी। आरोपित जेल से रिहा हो गया था। न्यायालय ने उसे दोषी पाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। विवेचक पर कार्रवाई के लिए महानिदेशक और पुलिस आयुक्त को आदेश किए हैं।

छह वर्षीय बालिका से हुई थी दरिंदगी

घटना पांच मई 2013 की है। छह वर्षीय बच्ची की मां घर-घर में काम और पिता मजदूरी करते थे। दंपती दिलीप चौहान के घर में किराएदार थे। घटना वाले दिन दंपती काम पर गए थे। मकान मालिक के पुत्र विपिन ने उनकी छह वर्षीय पुत्री से दुष्कर्म किया। मां ने जगदीशपुरा थाने में अभियोग दर्ज कराया। अभियोग की विवेचना तत्कालीन सीओ लोहामंडी प्रभाकर चौधरी ने की। उन्होंने एक महीने में विवेचना कर आरोपित को क्लीनचिट दे दी। फाइनल रिपोर्ट के आधार पर विपिन जेल से बाहर आ गया।

स्वजन ने किया था फाइनल रिपोर्ट का विरोध

प्रभाकर चौधरी वर्तमान में एसएसपी बरेली हैं। पीड़िता के स्वजन ने फाइनल रिपोर्ट का विरोध किया। जिस पर न्यायालय ने आरोपित को एक मई 2014 को न्यायालय मे तलब किया। विशेष लोक अभियोजक विमलेश आनंद ने न्यायालय में तर्क दिया कि आरोपित का कृत्य बेहद शर्मनाक है। उसे कठोर से कठोर सजा दी जाए। वहीं, बचाव पक्ष्र ने तर्क दिया आरोप के पीछे मकान के किराए का विवाद है।

न्यायालय ने कहा, विवेचक ने कर्तव्यों का उल्लंघन किया

विशेष न्यायाधीश पाक्सो एक्ट नसीमा ने अपने निर्णय कहा कि आरोपित ने छह वर्षीय बालिका से दुष्कर्म किया। पीड़िता की सगी बहन चश्मदीद गवाह है। विवेचक ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी। कहा कि विवेचक ने अपने कर्तव्यों का उल्लंघन किया। विवेचक ने लापरवाही की। इस तरह की घटनाओं से बच्चियों और उनके माता-पिता के मन में असुरक्षा की भावना पैदा होती है। एक परिवार नहीं, पूरा समाज प्रभावित होता है।

अभियुक्त का कृत्य घोर निंदनीय हैं। वह क्षमा के योग्य नहीं है। निर्णय की प्रति पुलिस महानिदेशक और पुलिस आयुक्त को भेजने के आदेश किए। जिससे कि विवेचक के खिलाफ कार्रवाई की जा सके। 

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